- संतान प्रप्ति के लिए साईं को मिश्री का भोग लगाएं
- गृह क्लेश से मुक्ति के लिए बेसन का लड्डू साईं को चढ़ाएं
- बीमार व्यक्ति को 11 गुरुवार साईं के मंदिर ले जाएं और भभूत लगाएं
शिरडी वाले साईं बाबा की पूजा गुरुवार के दिन विशेष रूप से की जाती है। गुरुवार उनका विशेष दिन होता है, इसलिए परेशानियों से छुटकारे के लिए भी इसी दिन कुछ उपाय करने चाहिए। साईं जिस तरह से सीधे, सरल और दिखावे से दूर रहते थे, उनकी पूजा को भी भक्त को वैसे ही भाव से करनी चाहिए। साईं की पूजा में बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं होती। वह तुरंत ही प्रसन्न होने वालों में से हैं। इसलिए यदि आप परेशानियों से गुजर रहे तो गुरुवार के दिन साईं की पूजा के साथ आसान से उपाय जरूर करलें। आपकी परेशानी दूर हो जाएगी।
साईं के विशेष उपाय जो आपके जीवन से समस्या जल्द दूर कर देंगे
- यदि आपके वैवाहिक जीवन में हमेशा ही क्लेश रहता है और आपके आपसी संबध बहुत बेकार हैं तो आपको कम से कम 9 गुरुवार तक आपको साईं भगवान को बेसन के लड्डू चढ़ाने चाहिए। जैसे-जैसे दिन गुजरेंगे आपके बीच का संबंध भी बेहतर होता जाएगा। कोशिश करें कि साईं को चढ़े प्रसाद को अधिक से अधिक लोगों में बांटें।
- जिस महिला को गर्भ नहीं ठहरता या बार-बार गर्भपात हो जाता है, उसे साईं पूजा जरूर करनी चाहिए। साथ ही गुरुवार को साईं के मंदिर जाकर उनकी पूजा करें और प्रसाद में मिश्री चढ़ाएं। साथ ही प्रसाद को को अधिक से अधिक लोगों को बाट दें। ये उपाय गर्भ धारण करने के बाद भी करते रहें और बच्चे के जन्म तक करें।
- यदि बच्चे होने में दिक्कत का सामना कर रहे हैं तो दंपति को गुरुवार के दिन साईं भगवान के मंदिर में जा कर पूजा करनी चाहिए। साथ ही साई बाबा को एक बार चोला चढ़ा दें। ये उपाय आपकी संतान प्राप्ति का रास्ता खोलेगा।
- यदि आपका बच्चा आपकी बात नहीं मानता, बहुत बिगड़ैल हो या आपके बताए रास्ते पर नहीं चलता तो आप उसे हर गुरुवार कम से कम 21 दिन साईं बाबा के दर्शन कराएं और उसके हाथ से खिचड़ी का प्रसाद बटवा दें।
- आर्थिक सकंट से गुजर रहे या आपका बिजनेस फलीभूत नहीं हो रहा तो आपको अपने घर या प्रतिष्ठान में साईं की प्रतिमा या तस्वीर को जरूर स्थापति करना चाहिए। ऐसा करने से आपके धन संकट दूर होंगे। गुरुवार को साईं की पूजा के साथ प्रसाद भी लोगों को खिलाएं।
- यदि आपके घर से बीमारी जाने का नाम नहीं ले रही तो आपको बीमार व्यक्ति को साईं के मंदिर में लाना चाहिए। वहीं पर साईं की भभूत बीमार के माथे पर लगाएं और कम से कम ऐसा 11 गुरुवार जरूर करें।
जब साईं ने बचाया था महामारी से
बात करीब सौ साल पुरानी है। हैजा जैसी खतरनाक बीमारी से साईं ने शिरडी को एक अद्भुत तरीके से बचाया था। साईं के पास लोग पहुंचे और समस्या को बताया तो साईं ने चक्की में गेहूं पीसना शुरू कर दिया। ये देख कर लोग अचरज में पड़ गए। वहां पहुंची महिलाओं ने साईं से खुद गेहूं पीसने का काम ले लिया और उन्हें लगा ये आटा साईं प्रसाद स्वरूप बना रहे है। आटा पीसने के बाद साईं ने कहा कि ये आटा शिरडी की सीमा के चारो ओर लकीर के समान डाल दें। लकीर बनाने के बाद सारे लोग यहां आएं। जब लकीर बना कर लोग लौटे तो साईं ने कहा कि अब इस सीमा के पार से न कोई बाहर से आए और न कोई अंदर से जाए। साथ ही घर के अंदर कुछ दिन सभी लोग रहें। साईं की बात मान लोगों ने ऐसा ही किया और महामारी शिरडी में नहीं आने पाई।