- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें तेल का दान
- हनुमान चालिसा का पाठ करें और शनि मंदिर जाएं
- शमि के पेड़ की जड़ को काले धागे में बांध कर पहनें
ज्योतिष में शनि का राशि परिवर्तन बेहद अहम माना जाता है। अब तक शनि धनु राशि में गोचर कर रहे थे और अब अपनी ही राशि मकर में गोचर करेंगे। उनका ये राशि परिर्वतन कुछ के लिए बेहद भारी होगा। ऐसे में जरूरी है कि शनि के मकर राशि में गोचर करने से पूर्व कुछ विशेष उपाय जरूर कर लिए जाएं।
ये उपाय शनिदेव के बुरे प्रकोप से बचाएंगा और जीवन में आने वाले संकटों को टाल देगा। इस दिन शनि के राशि बदलते ही मकर, धनु के साथ कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी, वहीं शनि की ढैय्या मिथुन और तुला राशि पर होगी। ऐसे में शनि के कष्ट से बचने के लिए कुछ अचूक उपाय जरूर कर लें।
शनिदेव के बुरे प्रकोप से बचाएं, ये अचूक उपाय
हनुमान चालिसा पढ़ें और शनि मंदिर में माथा टेकें
हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव शांत होते हैं। इसलिए हनुमान चालिसा भी पढ़ें और शनि मंदिर जा कर माथा भी टेकें। दोनों ही मंदिर में आपको तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
शनिदेव के दस नामों का जाप करें
शनिदेव के कष्टों से बचने के लिए उनके दस नामों का जाप शनिवार को जरूर करें। ये नाम है–कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद व पिप्पलाद।
पांच माला शनि मंत्र का जाप करें
शनिदेव की पूजा के बाद ‘ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:’ मंत्र का जाप पांच माला करें।
बिच्छू घास की जड़ पहनें
काले धागे में बिच्छू घास की जड़ अभिमंत्रित करने के बाद पहनें। इससे पहने से शनि देव शांत होंगे। साथ ही लाल चंदन की माला भी पहनें।
तेल का करें दान
कांसे की कटोरी में तिल का तेल लें और उसमें अपना प्रतिबिंब देखें और फिर इस तेल का दान कर दें। ऐसा करना आपके ग्रहण को हर लेगा।
शमी की जड़ को पहनें
शमी के पेड़ की जड़ को श्रवण नक्षत्र या शनि जयंती पर अभिमंत्रित करा कर काले धागे में लपेट कर गले या हाथ में पहन लें। ये शनि देव से मिलने वाले कष्ट को हर लेगा।
ये कुछ अचूक उपाय शनि के मकर राशि में गोचर से पूर्व पड़ने वाले शनिवार को कर लें। इससे शनि के बुरे प्रभाव खत्म हो जाएंगे।