- इस मास में पवित्र नदियों में स्नान, पूजन-अर्चन और तिल-कंबल के दान को विशेष महत्व दिया गया है
- इस माह में शुक्ल पंचमी से बसंत ऋतु का भी आरंभ होता है
- इस माह में संपूर्ण भारत के प्रमुख तीर्थों पर मेलों का आयोजन होता है
हिंदू कलैंडर के अनुसार भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चंद्रमास व दसवां सौरमास माघ कहलता है। इस बार माघ महीने का प्रारंभ 11 जनवरी, शनिवार से हो चुका है, जो कि 9 फरवरी, रविवार तक रहेगा। धार्मिक रूप से इस माह को श्री कृष्ण का महीना माना गया है। इस मास में पवित्र नदियों में स्नान, पूजन-अर्चन और तिल-कंबल के दान को विशेष महत्व दिया गया है। माना गया है कि ऐसा करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
इस माह में शुक्ल पंचमी से बसंत ऋतु का भी आरंभ होता है। इस माह में संपूर्ण भारत के प्रमुख तीर्थों पर मेलों का आयोजन होता है। प्रयाग, हरिद्वार, उत्तरकाशी जगहों पर लगने वाले माघ मेलों में दूर-दूर से लोग उमड़ते हैं। आइए जानते हैं इस माह पाप से मुक्त पाने के लिये किन कामों को करने से बचना चाहिये...
अगले 30 में ना करें ये काम, वरना सेहत को होगा नुकसान
- माघ मास में मूली का सेवन नहीं करना चाहिये। मूली का सेवन मदिरा सेवन की तरह मदवर्धक माना जाता है।
- माघ के महीने में खान पान बदल लेना चाहिये। इस माह भारी और तला भुना भोजन न करें।
- इस माह में गर्म पानी से नहीं बल्कि सामान्य जल से स्नान करना चाहिए।
- स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिये सुबह देर तक नहीं सोना चाहिये। और न ही देर से स्नान करना चाहिये।
- इस महीने में तिल और गुड़ का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है
- माघ मास में स्नान करने से पूर्व तथा स्नान के बाद आग नहीं सेंकना चाहिए।
माघ मास में व्रत करने वाले लोगों को भूमि पर सोना, प्रतिदिन हवन, हविष्य भोजन, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य को महान अदृष्ट फल की प्राप्ति होती है।