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Dhanteras 2019: धनतेरस पर जरूर खरीदें ये सामग्री, जानें पूजा विधि और महत्व

Updated Oct 21, 2019 | 08:30 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Dhanteras : पीतल को भगवान धनवंतरी का धातु माना जाता है। इस शुभ दिन पीतल के बर्तन या अन्य सामग्री खरीदने पर व्यक्ति की सेहत ठीक रहती है और घर में सुख समृद्धि आती है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
Dhanteras shopping
मुख्य बातें
  • इस दिन जो सामान खरीदा जाता है वह बहुत फलदायी होता है
  • इस दिन पूजा पाठ का भी बहुत महत्व है
  • इस दिन धनिया, झाड़ू, चांदी और सोने के जेवर एवं लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा खरीदना भी शुभ होता है

धनतेरस का दिन बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष धनतेरस 25 अक्टूबर को है। इस दिन बाजार से कुछ नया सामान खरीदकर घर में लाया जाता है और इसकी पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन खासतौर से चांदी, पीतल और सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार धनतेरस पर धातु की सामग्री या कोई नया सामान जैसे बर्तन और आभूषण खरीदने से घर के धन संपदा में वृद्धि होती है। इस दिन जो सामान खरीदा जाता है वह बहुत फलदायी होता है। इस दिन धनिया, झाड़ू, चांदी और सोने के जेवर एवं लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा खरीदना भी शुभ होता है। इस दिन पूजा पाठ का भी बहुत महत्व है। आइये जानते हैं धनतेरस के महत्व और पूजा विधि के बारे में।

धनतेरस का महत्व
कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी तिथि के दिन देवताओं एवं असुरों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के दौरान चौदह रत्नों की प्राप्ति हुई थी। इसमें से एक रत्न भगवान धनवंतरी की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए इस दिन को धनतेरस के रुप में मनाया जाता है। इस तिथि को धन त्रयोदशी भी कहा जाता है। धनतेरस के दो दिन बाद माता लक्ष्मी प्रकट हुई थीं।

धनतेरस पर खरीदारी करना क्यों होता है शुभ
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरी हाथों में अमृत का कलश लेकर अवतरित हुए थे। इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। पीतल को भगवान धनवंतरी का धातु माना जाता है। इस शुभ दिन पीतल के बर्तन या अन्य सामग्री खरीदने पर व्यक्ति की सेहत ठीक रहती है और घर में सुख समृद्धि आती है।

धनतेरस की शाम इसलिए रखा जाता है दीया
एक बार यमराज के दूत ने उनसे मृत्यु से बचने का उपाय पूछा। तब यमराज ने कहा कि धनतेरस के दिन जो व्यक्ति घर से बाहर या आंगन में दक्षिण दिशा में यम के नाम पर दीया रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। यही कारण है कि धनतेरस की शाम ज्यादातर घरों में दक्षिण दिशा में घर से बाहर तेल का दीया रखा जाता है।

धनतेरस पूजा विधि

  • धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी, कुबेर और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा खरीदकर पूजा घर में उत्तर दिशा में स्थापित करें।
  • भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को धूप, दीप, फूल अर्पित करें और चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद विभिन्न प्रकार के फलों का भोग चढ़ाएं।
  • भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी भगवान को पीली मिठाई चढ़ाएं और प्रसाद स्वरुप वितरित करें।
  • भगवान के आगे नतमस्तक होकर आशीर्वाद प्राप्त करें और हाथ जोड़कर सुख समृद्धि की कामना करें।

धनतेरस के दिन सच्चे मन से भगवान धनवंतरी और कुबेर की पूजा करने से धन धान्य में वृद्धि होती है और घर की आर्थिक तंगी दूर हो जाती है।

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