- दिवाली को लोग लक्ष्मी माता, गणेश जी और धन के देवता कुबेर की पूजा-अर्चना करते हैं
- इस त्यौहार को सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं
- इस दिन प्रातः काल उठकर श्री गणेश जी का ध्यान करें फिर काशी में गंगा स्नान करें
Diwali 2019 Date: इस साल दीपों का पर्व दीपावली अक्टूबर महीने की 27 तारीख को मनाई जाएगी। दिवाली हिंदुओं का बड़ा और प्रमुख त्यौहार है, जिसे अंधेरे पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। दिवाली को लोग लक्ष्मी माता, गणेश जी और धन के देवता कुबेर की पूजा-अर्चना करते हैं।
इस त्यौहार को सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं। वहीं, सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाते हैं। दीपावली की तैयारियां कई सप्ताह पहले आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। बाजारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाजार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नजर आते हैं।
दीपावली का इतिहास
माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतर ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है।
दीपावली की पूजा विधि-
- इस दिन प्रातः काल उठकर श्री गणेश जी का ध्यान करें फिर काशी में गंगा स्नान करें।
- अब दीपक गंगा जी को समर्पित करें। अब गंगा जल लेकर वही भगवान भोलेनाथ को चढ़ाएं।
- इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करें। पार्थिव का शिवलिंग बनाकर गंगा तट पर ही रुद्राभिषेक करें।
- माता गंगा पापों को हरती हैं। इस दिन श्रद्धा पूर्वक गंगा पूजन तथा आरती की जाती है।
- वहीं गंगा तट पर बैठकर ॐ नमः शिवाय का जप करें। महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। श्री रामचरितमानस का पाठ करें।
- सुन्दरकाण्ड का निर्मल गंगा के तट पर निर्मल मन से पाठ करें।
- इस दिन विष्णु पूजा भी की जाती है। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।
दीपावली की रात्रि में सोना नहीं चाहिए। पूरी रात्रि माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना कीजिये।