- गणेश चतुर्थी का पर्व आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है।
- गणेश चतुर्थी के दिन चांद को नहीं देखना चाहिए।
- गणेश जी ने चांद को एक श्राप दिया हुआ है।
Ganesh Chaturthi 2020: हिंदू धर्म का बेहद अहम त्योहार गणेश चतुर्थी आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी के दिन भक्तगढ़ अपने घर में भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करते हैं। हालांकि, गणेश चतुर्थी के दिन चांद को देखना आपको बहुत भारी पड़ सकता है।
गणेश चतुर्थी के दिन चांद को न देखने की परंपरा का वर्णन गणेश पुराण में मिलता है। गणेश पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार गणेश जी के सूंड वाले मुख को देखकर एक बार चांद को हंसी आ गयी। इससे गणेश जी बहुत नाराज़ हो गए थे।
भगवान गणेश ने चांद से कहा कि, 'तुम्हे अपनी खूबसूरती पर बहुत गुरुर है...आज मैं तुम्हे श्राप देता हूँ कि आज के दिन तुम्हें जो भी देखेगा उसे कलंक लगेगा। तब से लेकर आज तक गणेश चतुर्थी के दिन चाँद को देखने से मना किया जाता है। '
चंद्रमा ने मांगी माफी
गणेश जी द्वारा श्राप मिलने के बाद चन्द्रमा को अपनी गलती का एहसास हुआ। चंद्रमा दुखी मन के साथ घर में जाकर छिपकर बैठ गये। बाद में जाकर सभी देवताओं ने चन्द्रमा को मनाया और उन्हें समझाया कि वे मोदक और पकवान बनाकर गणेश जी की पूजा अर्चना करें जिससे वे खुश हो जाएंगे।
चन्द्रमा ने बाद में ऐसा ही किया तब जाकर भगवन गणेश खुश तो हुए लेकिन उन्होंने कहा कि श्राप पूरी तरह खत्म नहीं होगा जिससे आने वाली पीढ़ियों को ये याद रहे कि किसी के रुप रंग को देखकर उपहास नहीं उड़ना चाहिए।
भगवान श्री कृष्ण ने भी की थी ये गलती
गणेश पुराण के अनुसार एक बार भगवान श्री कृष्ण ने भी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन आसमान में नजर आ रहे खूबसूरत चांद को देख लिया और फिर कुछ ही दिनों बाद उन पर हत्या का झूठा आरोप लगा। श्रीकृष्ण को बाद में नारद मुनि ने ये बताया कि ये कलंक उन पर इसलिए लगा है क्योंकि उन्होंने चतुर्थी के दिन चांद देख लिया।
गणेश चतुर्थी के दिन अगर आपने चांद देखने की गलती कर दी है तो इस दिन भागवत की स्यमंतक मणि की कथा सुने और पाठ करें। या फिर मौली में 21 दूर्वा बांध कर मुकुट बनाएं और उसे गणेश जी को पहनाएं।