- ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा आता है
- इस दिन गंगा मां स्वर्ग छोड़कर धरती पर अवतरित हुई थीं
- गंगा दशहरा पर दान और पूजा का भी बड़ा महत्व है
हिंदू पर्वों में गंगा दशहरा को एक विशेष स्थान प्राप्त है। पंचांग के अनुसार, ये पर्व ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। दशमी तिथि होने की वजह से इस पर्व को ये नाम दिया गया है। वहीं पंचांग के अनुसार साल 2020 में गंगा दशहरा को 1 जून को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था। गंगा को देश में सबसे पवित्र नदी का दर्जा दिया गया है और इसे मोक्षदायिनी भी माना गया है।
Ganga Dussehra का महत्व और मुहूर्त
माना जाता है गंगा दशहरा पर इस नदी में डुबकी लगाने पर सारे पाप दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2:37 मिनट तक है। इस दौरान आप स्नान-ध्यान और दान कर सकते हैं।
Ganga Dussehra Puja Vidhi in Lockdown
वैसे तो इस दिन श्रद्धालुओं को मां गंगा में जाकर डुबकी लगानी चाहिए और इनका वंदन करना चाहिए। लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में इस साल ऐसा संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में घर पर गंगा जल मिले पानी से स्नान करें और फिर सूर्य देव की अराधना करें।
इन मंत्रों का करें जाप
सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद गंगा मां के नाम का अर्घ्य दें। इस समय ॐ श्री गंगे नमः मंत्र का जाप करें। स्कन्द पुराण में गंगा के बारे में कहा गया है कि सत्ययुग में ध्यान के द्वारा, त्रेतायुग में ध्यान और तप के माध्यम से, द्वापर में ध्यान, तप तथा यज्ञ के द्वारा मोक्ष की प्राप्ति होती थी, परन्तु कलियुग में तो केवल गंगा ही मोक्ष प्रदान करने वाली हैं। इसलिए मां गंगा की अराधना में
रोगं शोकं तापं पापं हर मे भगवति कुमतिकलापम्।
त्रिभुवनसारे वसुधाहारे त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे॥
मंत्र का भी जाप करें।