- बड़े ओहदे पर रहकर भी दूसरों का सम्मान करना सीखें
- आत्मविश्वास के साथ जिम्मेदारियों को उठाना जरूरी है
- ज्ञान और ज्ञानी का हर जगह सम्मान किया जाता है
समाज में कौन ऐसा होगा जिसे सम्मान अच्छा नहीं लगता, लेकिन हर किसी लोग आंखों पर नहीं बिठाते। जिन्हें सम्मान मिलता है उनके अंदर कुछ गुण खास होते हैं और यही कारण है कि ऐसे लोग सर्वत्र पूजनीय होते हैं। इसलिए यदि आप भी समाज और देश-विदेश में सम्मान चाहते हैं तो आपके अंदर चार गुण जरूर होने चाहिए। आचार्य चाणक्य ने इन गुणों के विषय में विस्तार से बताया है। उनका मानना है कि ये गुण यदि किसी में हों तो वह हर जगह सम्मान पाता है।
इन गुणों को अपने अंदर करें विकसित, मिलेगा हर ओर सम्मान
सत्य बोलने वाला ही सम्मान पाता है
आचार्य चाणक्य का कहना है कि सत्य बोलने वाला कुछ लोगों की आंखों में जरूर खटकाता है, लेकिन वही व्यक्ति सम्मान भी पाता है। सत्य बोलने वाले को कठिनाई का निश्चति रूप से सामना करना पड़ता है, लेकिन एक बार लोगों की नजर में वह सत्यवान साबित हो गया तो दुनिया उसे अपने सर आंखों पर बिठा लेती है। ऐसा व्यक्ति जहां जाता है सम्मान पाता है।
बड़े पद पर रहकर भी दूसरों को सम्मान देना सीखें
चाणक्य की नीतियां बताती है कि सम्मान पाने के लिए दूसरों का सम्मान करना पड़ता है। जिन लोगों में ये आदत होती है वह सम्मान पाते हैं, लेकिन यदि आप ये सोचे की किसी बड़े पद पर आप आसीन हैं तो लोग को नीचा दिखा सकते हैं तो आपका सम्मान भी क्षणिक होगा। आपके पद से हटते ही लोग आपका सम्मान भी छोड़ देंगे, लेकिन आप बड़े अधिकारी बन कर भी लोगों से सम्मान पूर्वक बात करें तो आपका सम्मान जीवनपर्यंत होता रहेगा।
जिम्मेदारियों को उठाना सीखें
जीवन में गलतियां होती हैं, लेकिन उस गलती की जिम्मेदारी न उठाई जाए तो आपकी छवि अच्छी नहीं होती। वहीं किसी भी काम को आगे बढ़ कर करने कि जिम्मेदारी आपके आत्मविश्वास को दिखाती है और लोगों को ये आत्मविश्वास आकर्षित करता है। ऐसे लोगों का लोग आगे बढ़ कर सम्मान करते हैं।
ज्ञान की सर्वत्र होती है पूजा
ज्ञान और ज्ञानी हर जगह पूजनीय होते है। उनका ज्ञान ही उन्हें सम्मान के काबिल बनाता है। यदि आपको अपना मान-सम्मान बढ़ाना है तो अपने ज्ञान को भी बढ़ाना सीख लें। ऐसे लोग समाज में विशेष स्थान पाते हैं और इनकी जगह हर किसी के दिल में होती है।