- भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है हरतालिका तीज का पर्व।
- हरतालिका तीज का व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को मिलता है सौभाग्यवती होने का वरदान।
- शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए शिव-पार्वती की पूजा, मिलता है शुभ फल।
Hartalika Teej 2021 Puja Muhurat: हरतालिका तीज व्रत हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर रखा जाता है। इस दिन महिलाएं मिट्टी से शिव पार्वती की मूर्ति बनाती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन व पति की लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं। हरतालिका तीज 'हरत' और 'आलिका' शब्दों से मिलकर बना है। हरत का मतलब 'अपहरण' होता है वहीं, आलिका का मतलब सखियां होता है।
भगवान विष्णु से देवी पार्वती का विवाह ना हो, इसके लिए देवी पार्वती की सखियों ने देवी पार्वती को जंगल में छुपा दिया था। मान्यताओं के अनुसार, हरतालिका तीज पर पूजा करने के लिए सुबह का समय उत्तम है। लेकिन अगर सुहागिन महिलाएं सुबह पूजा करने में असमर्थ हैं तो वह शाम को भी यह पूजा कर सकती हैं। शाम का समय भी पूजा के लिए लाभकारी माना जाता है।
हरतालिका तीज प्रदोष काल पूजा मुहूर्त
आज पूरे भारत में हरतालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है। हरतालिका तीज पर प्रात: काल का शुभ मुहूर्त सुबह 06:03 से सुबह 08:33 तक था। वहीं, शाम की पूजा के लिए प्रदोष काल पूजा मुहूर्त शाम 06:33 से प्रारंभ होगा और रात 08:51 पर समाप्त होगा।
कैसे करें पूजा?
हरतालिका तीज पर भगवान शिव, माता पार्वती तथा श्री गणेश की प्रतिमा बालू, रेत या काली मिट्टी से बनाएं। इसके बाद चौकी स्थापित करें और उसे फूलों से सजाएं। इस पर केले के पत्ते रखकर भगवान शिव, माता पार्वती और श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करें। अब षोडशोपचार विधि अनुसार पूजा करें और माता पार्वती को सुहाग की वस्तुएं व भगवान शिव को धोती या अगोछा चढ़ाएं। इस दिन कथा श्रवण करें और रात्रि जागरण करें।