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Shani Jayanti on Jyeshtha Amavasya 2020: ज्‍येष्‍ठ अमावस्‍या और शन‍ि जंयती एक साथ, करें प‍ितरों के ल‍िए भी दान

मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated May 12, 2020 | 11:44 IST

Shani Jayanti on Jyeshtha Darsh Amavsya 2020: ज्‍येष्‍ठ माह की दर्श अमावस्‍या पर शन‍ि देव का जन्‍म द‍िवस आता है। इस द‍िन वट सावित्री व्रत भी आता है और प‍ितरों के ल‍िए भी दान पुण्‍य क‍िया जाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspShutterstock
Shani Dev
मुख्य बातें
  • दर्श अमावस्‍या पर चांद आसमान से गायब हो जाता है
  • ज्‍येष्ठ माह की दर्श अमावस्‍या पर शन‍ि जयंती मनाई जाती है
  • इस दिन वट सावित्री व्रत भी मनाया जाता है

ज्‍येष्ठ माह की अमावस्‍या पर शन‍ि देव का जन्‍म द‍िवस आता है ज‍िसे शन‍ि जयंती भी कहा जाता है। ज्‍येष्‍ठ माह की अमावस्‍या पर वट साव‍ित्री व्रत भी आता है। बता दें क‍ि ह‍िंदू कलैंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन चंद्रमा बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता। इस दिन को अमावस्या कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर में महीनों का निर्धारण करने के लिये यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण है। अमावस्या को धर्म कर्म के कार्यों के लिये शुभ माना जाता है। ज्‍येष्‍ठ अमावस्‍या को प‍ितरों की शांत‍ि के लिए भी खास माना जाता है और इस द‍िन इनके ल‍िए दान करने की भी परंपरा है।

ज्येष्ठ अमावस्या का महत्‍व

ज्येष्ठ माह में आने वाली दर्श अमावस्‍या को धर्म के लिहाज से बेहद महत्‍वपूर्ण माना गया है। इस अमावस्‍या को शनि देव की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस द‍िन शनि दोष से बचने के लिए पूजा-पाठ क‍िया जाता है। वहीं इसी द‍िन ही वट साव‍ित्री व्रत भी मनाया जाता है। इस दिन मह‍िलाएं पति की लंबी उम्र व स्‍वास्‍थ्‍य की कामना के साथ व्रत रखती हैं। 

कब है ज्येष्ठ अमावस्या /  Jyeshtha Darsh Amavasya Date 

धार्म‍िक ल‍िहाज से बेहद महत्‍वपूर्ण मानी गई ज्‍येष्‍ठ दर्श अमावस्‍या साल 2020 में 22 मई को मनाई जाएगी। इसी द‍िन शन‍ि जयंती है और वट साव‍ित्री व्रत भी मनाया जाएगा। 

Jyeshtha Darsh Amavasya and Shani Jayanti: व्रत व पूजा व‍िध‍ि 

ऐसे तो इस व्रत को तीर्थ स्‍थलों पर मनाने की परंपरा है। लेकिन ऐसा संभव न हो पाने पर नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें। इस द‍िन पीपल के वृक्ष को भी जल दें और शनि देव की पूजा भी करें। शनि चालीसा के अलावा शनि मंत्र का जाप भी पुण्‍य फल देगा। वट सावित्री व्रत रखने वाली मह‍िलाओं को यम देवता की पूजा करनी चाह‍िए। 

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