- आज 5 जून दिन शुक्रवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा है
- इस दिन वट पूर्णिमा व्रत भी है, जिसे पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है
- सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस दिन चंद्र देव को दूध का अर्घ्य देना चाहिए
ज्येष्ठ मास के शुल्क पक्ष की पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है। इस साल यह 5 जून दिन शुक्रवार को मनाई जा रही है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने की मान्यता है। माना जाता है कि ऐसा करने से सभी पापों का नाश होता है। यही नहीं, इस दिन पितरों के लिए भी पूजा और दान करने की परंपरा है। इस दिन महिलाओं को व्रत रखना चाहिए और भगवान शंकर व भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिये। इस दिन वट पूर्णिमा व्रत भी रखा जाता है जिसे सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।
Jyeshtha Purnima Vrat 2020 Date and Time
जून 5, 2020 को 03:17:47 से पूर्णिमा आरम्भ
जून 6, 2020 को 00:44:05 पर पूर्णिमा समाप्त
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कैसे करें वट सावित्री व्रत
इस दिन महिलाएं व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे बैठ कर पूजा करती हैं। पूजा के लिए 7 तरह के अनाज को बांस की टोकरी में रखा जाता है। वहीं दूसरी टोकरी में सावित्री की प्रतिमा रखी जाती है। वट वृक्ष की पूजा जल, अक्षत, कुमकुम से की जाती है और वृक्ष के सात बार चक्कर लगाते हुए मौली को बांधा जाता है। पूजन के दौरान सावित्री माता की कथा भी सुनी जाती है।
Jyeshtha Purnima ke Upay
- ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद पाने के लिए चंद्र देव को दूध से अर्घ्य दें। इसे पति-पत्नी में से कोई भी दे सकता है।
- माना जाता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी का वास श्री हरि के साथ पीपल के पेड़ पर होता है। धन प्राप्ति के लिए एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल के पेड़ पर अर्पित करें।
- आज की रात किसी कुएं में चम्मच से दूध डालें। अगर आपका भाग्य बिगड़ा हुआ है और जरूरी कार्य नहीं हो रहे हैं तो वह भी बन जाएंगे।
- जन्मकुंडली में ग्रह दोष दूर करने के लिए पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करें।