- हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को बेहद पुण्यकारक माना जाता है
- 2020 में इस पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है
- इस दिन दान पुण्य के साथ भगवान शिव और श्री विष्णु जी का पूजन भी करें
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व माना जाता है। इस दिन व्रत रखने की परंपरा है और साथ ही पवित्र नदियों में स्नान और दान किया जाता है। इस दिन खासतौर गंगा स्नान का उल्लेख किया गया है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से सभी पाप मिटते हैं। वहीं पितरों के लिए भी ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को पूजा पाठ किया जाता है।
Jyeshtha Purnima Vrat 2020 Date and Time
जून 5, 2020 को 03:17:47 से पूर्णिमा आरम्भ
जून 6, 2020 को 00:44:05 पर पूर्णिमा समाप्त
Jyeshtha Purnima पर भगवान शिव और विष्णु पूजन देगा फल
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर शिव जी और श्री हरि का पूजन खासतौर पर फलदायी माना जाता है। यह व्रत और पूजन खासतौर पर उन युवाओं के लिए है जिनके विवाह में दिक्कत आ रही है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सफेद वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करने से विवाह में आने वाली हर समस्या दूर हो जाती है। वहीं भगवान विष्णु की मूर्ति को शंख में दूध के साथ केसर डाल कर स्नान करवाएं और साथ ही उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं। इससे घर की समस्याएं दूर हो जाएंगी।
Jyeshtha Purnima पर तुलसी पूजन
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर तुलसी जी के पौधे को शुद्ध जल चढ़ाएं। इसके बाद 8 दीपक गाय के घी के जलाएं। मां तुलसी के आठ नाम का पाठ करने के बाद 11 बार उनके पौधे की परिक्रमा करें।
Jyeshtha Purnima पर करें ये उपाय
इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा पर उपच्छाया चंद्र ग्रहण लग रहा है तो गाय के दूध की खीर बनाकर चंद्रमा को अर्पित कीजिये। एक मिट्टी के घड़े में शीतल जल भरकर दान कीजिए। ताम्र पात्र या फूल के गगरे में शीतल जल भरकर पात्र सहित दान करना हितकर रहेगा।