- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, ये शुभ नहीं माना जाता है
- गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण के दिन पूजा पाठ करना अच्छा रहेगा
- ग्रहण के दौरान खाना या श्रृंगार आदि नहीं करना चाहिए
साल 2020 का ये दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण रात 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और रात 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। ग्रहण के दौरान हमेशा कुछ चीजें करना निषेध होती हैं और इस बात की जानकारी रखना जरूरी है। निषेधात्मक चीजों का ज्योतिष में ही नहीं, वैज्ञानिक प्रभाव भी माना गया है। माना जाता है कि इस दौरान निकलने वाली किरणों का सेहत पर बहुत प्रभाव पड़ता है, इसलिए इनसे बचकर रहना चाहिए। इस बार उपच्छाया चंद्रहण होगा। उपच्छाया चंद्र ग्रहण में पृथ्वी की छाया वाले क्षेत्र में चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा पर पड़ने वाला सूर्य का प्रकाश कटा हुआ प्रतीत होता है।
खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण वाले चांद से बचकर रहने की सलाह दी जाती है। वे ऐसे चांद की रोशनी के संपर्क में न आएं। और साथ ही इसे देखने से भी बचें। मान्यता है कि ग्रहण का चांद देखने से शिशु की कुंडली में दोष हो सकता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएंं रखें ध्यान
- ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। वह इस दौरान कोई कार्य न करें और न ही सोएं।
- गर्भवती महिलाएं भूल कर भी किसी चीज को न तो काटें, न छुएं और न ही हाथ-पैर को मोड़ कर बैठें। इससे गर्भ में पल रहे शिशु पर फर्क पड़ता है।
- हालांकि ग्रहण के दौरान खान-पान निषेध बताया गया है लेकिन गर्भवती महिलाएं ऐसा न करें। अगर उनको जरूरत महसूस हो तो हल्का व सादा भोजन या फल, जूस आदि ले सकती हैं।
- चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले जो भी चीजें घर में खाने की बची हैं, उनका सेवन बाद में गर्भवती महिलाओं को भूल से भी नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान किसी भी नए काम को शुरू नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभता या असफलता का कारण बनेगा।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान धार्मिक किताबें, चालीसा या भजन आदि करते रहना चाहिए। इससे घर और मन में नकारात्मकता हावी नहीं होती। और होने वाले शिशु पर भी अच्छा असर पड़ता है।
- ग्रहण के दौरान “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्” मंत्र का जाप करना शुभकारी होता है। गर्भवती महिलाएं भी इसका जाप करें।
- ग्रहण जब खत्म हो जाए तो गर्भवती महिलाओं को सर्वप्रथम गंगा जल से स्नान करना चाहिए। इससे तन और मन शुद्ध हो जाता है।
- ग्रहण के बाद गर्भवती महिलाएं दान-पुण्य के लिए सामान निकाल कर रख लें और उसे गरीबों को दान कर दें।