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Diwali Puja Samagri: दिवाली की पूजा से पहले खरीद लें ये पूजन सामग्री, ये रही पूरी लिस्‍ट 

Updated Oct 26, 2019 | 17:30 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Puja Samagri: दिवाली पर मां लक्ष्‍मी और गणेश जी की पूजा का विधान है। मगर उससे पहले पूजन की सही सामग्री होना जरूरी है। यहां जानें पूजन सामग्री की पूरी लिस्‍ट.... 

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Diwali Puja Samagri
मुख्य बातें
  • दिवाली को लोग लक्ष्मी माता, गणेश जी और धन के देवता कुबेर की पूजा-अर्चना करते हैं
  • लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं
  • दिवाली के दिन मां लक्ष्‍मी और गणेश जी की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाती है

दिवाली हिंदुओं का बड़ा और प्रमुख त्‍यौहार है, जिसे अंधेरे पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। दिवाली को लोग लक्ष्मी माता, गणेश जी और धन के देवता कुबेर की पूजा-अर्चना करते हैं। इस त्‍यौहार को सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं। वहीं, सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाते हैं। दीपावली की तैयारियां कई सप्‍ताह पहले आरंभ हो जाती हैं। 

लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। बाजारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाजार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नजर आते हैं। दिवाली के दिन मां लक्ष्‍मी और गणेश जी की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाती है। लेकिन उससे पहले पूजा की पूरी सामग्री खरीद लेनी जिससे पूजा के वक्‍त किसी भी चीज की कमी ना पड़े। यहां जानें पूजन सामग्री की पूरी लिस्‍ट.... 

ये है दिवाली पूजन की सामग्री की पूरी लिस्ट 
घी के 11 दीपक, फूल, दूर्वा, चावल, केसर-कपूर, धूप, लौंग, इलायची, अगरबत्ती, एक दीपक, खील, बताशे, हल्दी-चूना का लेप, सुगंधित पदार्थ, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुमकुम, सुपारी और पान

दीपावली की पूजा विधि- 

  • प्रदोषकाल में दिवाली पूजन का विधान है। पूजा शुरू करने से पहले सभी सामग्री एक जगह रख लें।
  • एक चौकी लें और उस पर आटें की मदद से नवग्रह बनाएं।
  • स्‍टील का एक कलश लें, उसमें दूध, दही, शहद, गंगाजल, लौंग भरकर उस पर लाल कपड़ा बांध दें। फिर उस पर कलश रखें।  
  • नवग्रह यंत्र पर चांदी का सिक्का रख दें और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। 
  • देवी देवता को गंगाजल से नहलाएं। उसके बाद भगवान की बाईं ओर देसी घी का दीपक जलाएं।
  • उसके बाद उन्‍हें फूल, इत्र, अक्षत, मिठाई और जल चढ़ाएं। 
  • इसके बाद 11 या 21 सरसों के तेल के दीपक जलाएं। घी के 1, 5 या 7 दीपक रखें।
  • माता लक्ष्मी को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। हाथ में फूल और अक्षत लेकर सभी देवी-देवताओं का ध्यान करें।
  • मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, श्री कृष्ण और राम दरबार की विधि विधान पूजा करने के बाद उनकी आरती उतार कर प्रसाद चढ़ाएं और जलाएं गए दीपकों को घर के सभी स्थानों के कोनों पर रख दें।

दीपावली की रात्रि में सोना नहीं चाहिए। पूरी रात्रि माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना कीजिये। 

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