- 25 मार्च से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्र
- पहले दिन शैलपुत्री माता की पूजा होगी
- 2 अप्रैल को नवमी मनाई जाएगी
मुख्य रूप से साल में दो नवरात्रि आती हैं जिसमें से चैत्र नवरात्रि गर्मियों के मौसम की शुरुआत में आती है। इसमें उपवास रख कर मां के 9 स्वरूपों को याद किया जाता है। इसी के साथ हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year 2020) की शुरुआत भी होती है। चैत्र नवरात्रि के पीछे यह भी कहा जाता है कि नए अनाज के आगमन की खुशी में भी यह नवरात्रि मनाई जाती है। नए अनाज के भोग के बाद ही इसे बाजार में उतरा जाता है। गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa 2020) और युगादी (Ugadi 2020) भी इसी दिन मनाए जाते हैं। इसके बाद 2 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी।
क्या है चैत्र नवरात्रि का महत्व
पुराणों के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन इसी दिन मां दुर्गा का जन्म हुआ था और उनके कहने पर ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। 9 ग्रह, 27 नक्षत्रों और 12 राशियों का उदय भी इसी दिन का माना जाता है। भगवान विष्णु का भगवान राम के रूप में अवतार भी चैत्र नवरात्रि में ही हुआ था।
वहीं ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखने वाले चैत्र नवरात्रि में सूर्य का राशि परिवर्तन होता है। सूर्य इस दौरान मेष में प्रवेश करता है जिसका असर सभी राशियों पर पड़ता है।
Chaitra Navratri 2020 Dates / चैत्र नवरात्रि 2020 का कलैंडर
तारीख | दिन | किस स्वरूप की पूजा |
25, मार्च 2020 | बुधवार | शैलपुत्री माता की पूजा |
26, मार्च 2020 | गुरुवार | ब्रह्मचारिणी माता की पूजा |
27, मार्च 2020 | शुक्रवार | चंद्रघंटा माता की पूजा |
28, मार्च 2020 | शनिवार | कुष्मांडा माता की पूजा |
29, मार्च 2020 | रविवार | स्कंदमाता की पूजा |
30, मार्च 2020 | सोमवार | कात्यायनी माता की पूजा |
31, मार्च 2020 | मंगलवार | कालरात्रि माता की पूजा |
1, अप्रैल 2020 | बुधवार | महागौरी माता की पूजा |
2, अप्रैल 2020 | गुरुवार | सिद्धिदात्री माता की पूजा |
ये हैं चैत्र नवरात्रि 2020 के शुभ योग
चैत्र नवरात्रि में कई शुभ योग बन रहे हैं जिनके चलते इसे फलदायक बताया जा रहा है। इस नवरात्रि में 4 सर्वाथ सिद्धि योग, 5 रवि योग, एक द्विपुष्कर योग और एक गुरु पुष्य योग रहने वाला है। ये सभी भक्तों के लिए अच्छा समय लेकर आने वाले हैं।