- माघ मास का सकट चौथ है फलदायक
- 31 जनवरी को मनाया जाएगा सकट चौथ
- संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी है प्रसिद्ध
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया को पड़ने वाला सकट चौथ बहुत विशेष होता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए भगवान गणेश की पूजा करती हैं। भारत में इस व्रत को कई नाम से पुकारा जाता है।
Sakat Chauth Vrat 2021 Date, Muhurat and Significance
आप सकट चौथ को संकष्टी चौथ, माघी चतुर्थी, संकटा चौथ और तिलकुटा चौथ भी बुला सकते हैं। इस वर्ष 31 जनवरी को सकट चौथ मनाया जाएगा। संकटा चौथ का शुभ मुहूर्त 31 जनवरी की शाम 8:24 से शुरू हो जाएगा जो 1 फरवरी के शाम 6:24 तक रहेगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि इस दिन पूजा करते समय आवश्यक पूजा सामग्री जरूर होनी चाहिए। अगर आप इस बात से अनजान है कि पूजा सामग्री में आपको क्या-क्या शामिल करना है तो यह लेख जरूर पढ़िए।
यहां जानिए सकट चौथ के लिए पूजा सामग्री : Sakat Chauth Puja Samagri complete List
- भगवान गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करने के लिए लाल वस्त्र होना आवश्यक है।
- भगवान गणेश के लिए पीले वस्त्र।
- पूजा करते समय आपके पास धूप, दीप, नैवेद्य, तिल, लाल रोली, कलावा, फूल और घी होना चाहिए।
- पूजा करने के बाद भगवान गणेश को लड्डू, शकरकंद, अमरुद, गुड़, तिल और गुड़ के लड्डू और घी अर्पित करना चाहिए।
- तिल से बना हुआ बकरा।
- अर्घ्य देने के लिए शहद, रोली, चंदन और रोली मिश्रित दूध जरूरी है।
सकट चौथ के व्रत का महत्व
इस दिन भगवान गणेश की और चन्द्र देव की उपासना करने का विधान है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। शाम को पूजा कर चांद को अर्घ्य देने के बाद तिलकुट का प्रसाद बांटने की परंपरा है। यह व्रत उस पौराणिक कथा से जुड़ा है जिसमें शिव जी ने बालक का सिर काटने के बाद एक हाथी का सिर लगाकर उसे दोबारा जीवित किया था। इस व्रत को संतान की सलामती व सफलता की कामना के साथ रखा जाता है।