- माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है
- घर, स्कूल और ऑफिस आदि में इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है
- बसंत पंचमी के दिन कई लोग अपने शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाते हैं
हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है। यह पर्व ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। कहा जाता है कि इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए घर, स्कूल और ऑफिस आदि में इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। छात्र इस दिन अपनी किताब-कॉपी और कलम की भी पूजा करते हैं।
बसंत पंचमी के दिन कई लोग अपने शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाते हैं। बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करना अनिवार्य है। इस दौरान सरस्वती स्तोत्रम का पाठ किया जाता है। स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा के साथ-साथ घरों में भी यह पूजा की जाती है। अगर आप भी वसंत पंचमी के दिन घर पर पूजा कर रहे हैं तो यहां जानें इसकी पूरी विधि-
बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त
पंचमी तिथि समाप्त: 30 जनवरी 2020 को दोपहर 1 बजकर 19 मिनट तक
वसंत पंचमी के दिन कैसे की जाती है देवी सरस्वती की पूजा
- वसंत पंचमी के दिन सुबह अपने घर और पूजा के मंदिर की साफ-सफाई कर लें।
- मंदिर में देवी सरस्वती की एक मूर्ति या फोटो लगाएं।
- देवी सरस्वती को पीले रंग के कपड़े पहनाएं।
- मूर्ति के सामने अगरबत्ती और और दिये जलाएं।
- मां को पीले रंग के फूल, कुमकुम, चावल और भोग चढ़ाएं।
- आखिर में मंत्र पढ़ें और सरस्वती की आरती गाएं।
- मां सरस्वती की पूजा करने से पहले भगवान गणेश, सूर्य देवता, विष्णु और शिव सहित अन्य देवताओं की पूजा करनी चाहिए।
मां सरस्वती की आराधना करते समय पढ़ें ये श्लोक-
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।। वन्दे भक्तया वन्दिता च...
आपको बता दें कि बसंत पंचमी को रतिकाम महोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन कामदेव के साथ ही उनकी पत्नी रति की भी पूजा होती है।