- आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, इस वर्ष यह एकादशी 05 जुलाई को पड़ रही है
- योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से तीन शुभ फल की प्राप्ति होती है, इस दिन माता पार्वती की पूजा करना भी शुभ माना गया है
- योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु को पीले फूल, पीले वस्त्र, पीली मिठाई, अक्षत तथा पंचामृत अर्पित करना फलदायक होता है
नई दिल्ली: हिंदू धर्म के व्रत त्यौहारों में एकादशी का अलग महत्व है जो शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन होता है। सनातन धर्म में भगवान विष्णु की पूजा-अराधना करना बहुत लाभदायक माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि एकादशी तिथि इसके लिए श्रेयस्कर होती है।
योगिनी एकादशी कब है 2021 की
भगवान विष्णु की पूजा के लिए कई दिन अनुकूल माने जाते हैं लेकिन एकादशी तिथियां सर्वश्रेष्ठ होती हैं। हर वर्ष आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष यह एकादशी तिथि 05 जुलाई को पड़ रही है।
yogini ekadashi puja vidhi
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना लाभदायक माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से तथा व्रत रखने से भक्तों को शुभ फल मिलते हैं। भगवान विष्णु के साथ, योगिनी एकादशी पर माता पार्वती की पूजा करना भी शुभ माना गया है। योगिनी एकदाशी पर भगवान विष्णु को पीले फूल, पीले वस्त्र, पीली मिठाई, अक्षत तथा पंचामृत जरूर अर्पित करना चाहिए।
yogini ekadashi 2021 shubh muhurat, योगिनी एकादशी 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त
Yogini ekadashi 2021 date योगिनी एकादशी तिथि: - 05 जुलाई 2021, सोमवार
- एकादशी तिथि प्रारंभ - 04 जुलाई 2021 शाम (07:55)
- एकादशी तिथि समापन: - 05 जुलाई 2021 रात (10:30)
- योगिनी एकादशी पारण मुहूर्त: - 06 जुलाई 2021 सुबह 05:29 से लेकर 08:16 तक
योगिनी एकादशी का महत्व / yogini ekadashi ka mahatva
एकादशी तिथि बहुत शुभ और लाभदायक माना गया है। योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करना फलदायक और पुण्यकारक माना गया है। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि जो भक्त योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करता है उसे कुष्ठ या कोढ़ रोग से मुक्ति मिलती है एवं उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यह भी कहा जाता है कि योगिनी एकादशी व्रत करने वाले लोगों को मृत्यु के बाद भगवान विष्णु के चरणों में जगह प्राप्त होती है।