- आज के दिन महाराष्ट्र और बॉम्बे के बीच रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल खत्म हुआ था
- इस मैच में 9 व्यक्तिगत शतक और 8 अर्धशतक लगे थे
- यह मुकाबला 5 मार्च को शुरू होकर सात दिनों तक चला था
नई दिल्ली: आज के दिन सबसे बड़ फर्स्ट क्लास गेम का अंत हुआ था, जिसमें प्रत्येक विकेट के लिए औसतन 64.3 रन बने थे। 1948/49 में रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल महाराष्ट्र और बॉम्बे के बीच पूणा के पूणा क्लब ग्राउंड में खेला रहा था। इस मैच में 9 व्यक्तिगत शतक जबकि 8 अर्धशतक लगे थे। इससे स्पष्ट समझा जा सकता है कि गेंदबाजों की क्या दुर्गति हुई होगी। गेंदबाजों के लिए यह मैच किसी बुरे सपने की तरह रहा। बड़ी बात यह है कि इस मैच की शुरूआत 5 मार्च को हुई थी और असमय प्रारूप की तरह खेला गया यह मुकाबला सात दिन चला व 11 मार्च को खत्म हुआ।
बॉम्बे के कप्तान खानमोहम्मद इब्राहिम ने नॉकआउट मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। बॉम्बे ने करीब दो दिन बल्लेबाजी की और स्कोरबोर्ड पर पहली पारी में 651 रन टांगे। माधव मंत्री ने दोहरा शतक जमाया जबकि उदयकांत मर्चेंट व दत्त्राय फाडकर ने क्रमश: 143 व 131 रन बनाए। इसके जवाब में महाराष्ट्र की पहली पारी 407 रन पर ऑलआउट हो गई। महाराष्ट्र की तरफ से मनोहर दातर (143) और मधुसुदन रेगे (133) ने शतक जमाऐ। केके तारापोरे ने मुंबई के लिए 64 ओवर में 119 रन देकर 6 विकेट झटके।
दूसरी पारी में बॉम्बे का विशाल स्कोर
बॉम्बे ने विरोधी टीम पर कोई कोताही नहीं बरती और दूसरी पारी में ज्यादा बड़ा स्कोर खड़ा किया। उदयकांत मर्चेंट और दत्त्राय फाडकर ने दूसरी पारी में क्रमश: 156 और 160 रन बनाए। बॉम्बे ने अपनी दूसरी पारी 714/8 के स्कोर पर घोषित की। महाराष्ट्र की टीम छठे दिन बल्लेबाजी करने आई और उसके सामने जीत के लिए 959 रन का लक्ष्य था।
महाराष्ट्र ने बनाया रिकॉर्ड
घरेलू टीम के बल्लेबाजों ने पहली पारी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया और रेगे (100) व शरद देवधर (146) की पारियों की मदद से 604 रन बनाए। घरेलू टीम के लिए इस मैच में शतक जमाने वाले तीनों बल्लेबाजों ने रणजी ट्रॉफी में अपना पहला शतक जमाया था। महाराष्ट्र को बॉम्बे के हाथों 354 रन के विशाल अंतर से शिकस्त मिली। महाराष्ट्र ने दूसरी पारी में 10 बल्लेबाजों के साथ खेला था क्योंकि दूसरी पारी में उनके विकेटकीपर बल्लेबाज पदमनाब जोशी अनुपस्थित थे।
हालांकि, महाराष्ट्र के नाम रिकॉर्ड दर्ज हुए। महाराष्ट्र का कुल स्कोर 604 रन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। इंग्लैंड के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज है, जिन्होंने 1938/39 में टाइमलेस टेस्ट में 645/5 का स्कोर खड़ा किया था। इसके अलावा किसी टीम ने फर्स्ट क्लास गेम में चौथी पारी में 600 से ज्यादा स्कोर नहीं बनाया।
मैच में बना रिकॉर्ड
इस मैच में कुल 2376 रन बनाए जबकि 37 विकेट गिरे। यह फर्स्ट क्लास क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा मैच है। इससे पहेल 1944/45 रणजी ट्रॉफी फाइनल में 2078 रन बनाए थे। तब मुकाबला बॉम्बे और होल्कर के बीच खेला गया था। यह एक अन्य फर्स्ट क्लास गेम है, जिसमें 2000 से ज्यादा रन बने थे।