लाइव टीवी

Chanakya Niti: रिश्‍तों को मधुर और मजबूत बनाए रखने के ये हैं 4 मूलमंत्र, चाणक्‍यनीति में बताई हैं खास बातें

Updated Feb 12, 2021 | 18:54 IST

आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपने रिश्तों में मधुरता बनाए रखने के लिए इन बातों का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। यह आपके रिश्तों को मजबूत बनाए रखने में सहायक है। 

Loading ...
Chanakya Neeti
मुख्य बातें
  • रिश्तों को मधुर बनाए रखने के लिए क्रोध को रिश्तों के आड़े ना आने दें
  • वाणी में मधुरता और व्यवहार में विनम्रता रिश्तों को बनाता है मजबूत
  • रिश्तों को बनाए रखने के लिए ना लें छूठ और छल-कपट का सहारा

भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पितामह कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य का नीतिशास्त्र इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है। चाणक्य की नीतियों के बल पर कई राजाओं ने अपना शासन चलाया। इन्हीं नीतियों के बल पर चाणक्य ने चंद्रगुप्त को सम्राट बनाया। वैसे तो चाणक्य का यह नीतिशास्त्र राजा महाराजाओं के शासनकाल का है। लेकिन चाणक्य की नीतियों को आज के युग में भी काफी उपयोगी माना गया है।

आज भी यह आपकी किसी भी समस्या का समाधान निकालने में कारगार सिद्ध हो सकता है। चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में उल्लेख किया है कि व्यक्ति को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने और जीवन में तरक्की करने के लिए कुछ संबंधों को अच्छे रखने चाहिए। ऐसे में आज हम आपको नीतिशास्त्र के अनुसार बताएंगे कि अपने पारिवारिक और व्यावसायिक संबंधों को कैसे अच्छे बनाएं।

वाणी में मधुरता और व्यवहार में विनम्रता रखें

चाणक्य के अनुसार जिस व्यक्ति की वांणी में मधुरता और व्यवहार में विनम्रता होती है, वह कठिन से कठिन परिस्थितियों से निपट सकता है। वाणी में मधुरता कठोर से कठोर ह्रदय को पिघलने पर मजबूर कर देती है। यदि आपको अपने संबंधो को मजबूत बनाए रखना है तो वांणी में मधुरता और व्यवहार में विनम्रता अवश्य रखें, यह आपके संबंध को और भी मजबूती प्रदान करता है। यदि आपकी वाणी कड़वी है और व्यवहार कठोर है तो आपके संबंधों को बिगड़ने में देरी नहीं लगेगी, क्योंकि इस स्थिति में अगर आप सही भी होंगे तो भी आपको लोग पसंद नहीं करेंगे।

अहंकार को ना आने दें रिश्तों के बीच

चाणक्य नीति के अनुसार अहंकार एक ऐसा अवगुण है जो आपके पक्के से पक्के रिश्तों में दरार पैदा कर सकता है, फिर चाहे वह पति पत्नी का रिश्ता हो, भाई-भाई का रिश्ता हो या व्यावसायिक संबंध हो। इसलिए संबंधों के बीच अहंकार को ना आने दें।

क्रोध को रखें काबू में

चाणक्य नीति के अनुसार क्रोध व्यक्ति के विनाश का कारण बन जाता है। इसलिए क्रोध को काबू में रखना चाहिए। क्रोध को रिश्तों के आड़े ना आने दें, क्योंकि आपका क्रोध एक झटके में आपके रिश्ते को खत्म कर सकता है। इसलिए व्यवहार में विनम्रता रखें और रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के लिए एक दूसरे की गलती पर झुकना सीखें। आपके सरल और सुगम व्यवहार से आपकी कठिन परिस्थितियों में आपके साथ बहुत खड़े रहेंगे।

रिश्तों में होनी चाहिए सत्यता

रिश्तों को मधुर बनाए रखने के लिए झूठ और छल कपट का सहारा नहीं लेना चाहिए। झूठ और छल कपट से बनाए गए रिश्ते ज्यादा दिन नहीं टिकते। इसलिए रिश्तों में सत्यता रखें।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल