- अधर्म के मार्ग पर चलने वाले की मदद नहीं करनी चाहिए
- कमजोर लोगों पर बल दिखाने वाले को कभी मदद न दें
- नशे के आदी लोगों की मदद करना खुद को ठेस पहुंचाना होता है
चाणक्य नीति: भगवत गीता में भी कहा गया है कि किसी के अंदर आपको बुराई दिखे तो भी आपको अपनी अच्छाई को नहीं मारना चाहिए, लेकिन चाणक्य ने तीन लोगों की मदद करने को सख्त मना करते हैं। उनका कहना है की ये तीन लोग मदद का दरकार नहीं रखते और इनकी मदद करने वाले को अंत में बहुत ही पछतावा होता है।
आचार्य चाणक्य ने अपने अनुभवों और ज्ञान के आधार पर तीन लोगों को चिन्हित किया है और ये तीन लोग उनकी नजर में मदद के लायक नहीं हैं। तो आइए जानें कि ये तीन लोग कौन हैं जिनकी मदद नहीं करनी चाहिए।
चाणक्य नीति-इन तीन लोगों की मदद करने से बचने का करें प्रयास
- आचार्य चाणक्य का कहना है कि धर्म का जो पालन नहीं करता है और अधर्म की राह पर चलता है उसकी मदद कभी नहीं करनी चाहिए। अधर्मी इंसान की मदद करने खुद का धर्म बिगड़ता है। ऐसे लोगों की सेवा या मदद करना अधर्मी ही नहीं पाप का भागी भी बनाता है। कई बार ऐसे अधर्मियों की मदद के कारण इंसान का जीवन भी खतरे में पड़ जाता है। अधर्मी मनुष्य की ना समाज में कोई जगह होती है और ना ही किसी के दिल में होनी चाहिए।
- चाणक्य ने कहा है कि ऐसे इंसान की मदद कभी नहीं करनी चाहिए जो अपने से कमजोर पर या बेजुबान जानवरों के साथ सख्ती करता है या उनको कष्ट देता है। चाणक्य ने कहा है कि जो भी पुरुष महिलाओं पर हाथ उठाता है वह उसी क्षण नामर्द बन जाता है। बेजुबान और कमजोर पर बल दिखाने वाला कभी किसी का हितैषी नहीं हो सकता, इसलिए इनकी मदद करना आपको पछतावे का भागी बना सकता है।
- आचार्य चाणक्य ने नशे की लती लोगों की मदद करने से भी मना किया है। उनका माना है कि नशेड़ी लोगों का ईमान नहीं होता। वे नशे के लिए किसी की भी हानि कर सकते हैं। यही नहीं नशे में इंसान गलत या सही का भेद नहीं रख पाता। इसलिए ऐसे नशेड़ी लोगों की मदद कभी नहीं करनी चाहिए। इनकी सेवा या धन देना आपको ही ठेस पहुंचाएगा।
चाणक्य ने इन तीन व्यक्तित्व वालों से दूर रहने और मदद न करने की सलाह दी है।