- छात्रों को समझना चाहिए समय की कीमत
- नशे की लत और आलस से छात्र हमेशा दूर रहें
- अनुशासन में रहने वाला छात्र ही होता है सफल
Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य नीति में जीवन को आसान बनाने और सफलता प्राप्त करने के कई उपाय बताए गए हैं। माना जाता है कि जो लोग चाणक्य के इन नीतियों का अनुसरण करते हैं, उनके जीवन की परेशानियों का अंत हो जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में धर्म, धन, स्त्री, दोस्त, शिक्षा और करियर से जुड़ी कई जरूरी बातों का जिक्र किया है। आचार्य चाणक्य ने छात्रों को शिक्षा और करियर में सफलता पाने के लिए कई सलाह दिए है। आचार्य छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कहते हैं कि अगर सफलता चाहिए तो गलत आदतों से हमेशा दूर रहना चाहिए। क्योंकि गलत आदतें ही शिक्षा और करियर के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा होती हैं।
समय की कीमत समझें
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि छात्रों में समय को खराब करना अच्छी आदत नहीं होती। ये सबसे बुरी आदत है। समय की कीमत को समझ उसका सही उपयोग करना चाहिए। शिक्षा और करियर में आगे बढ़ने के लिए समय का सबसे अधिक महत्व है, जो छात्र अपने समय को गलत कार्यों में बर्बाद कर देते हैं, वे कभी सफल नहीं हो पाते।
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नशे की लत से रहें दूर
चाणक्य नीति में छात्रों को नशे की लत से दूर रहने की सलाह दी गई है। आचार्य कहते हैं कि युवावस्था में गलत आदतें ज्यादा आकर्षित करती है। इसलिए, इनसे छात्रों को हमेशा सावधान रहना चाहिए। नशा शरीर के साथ मन और दिमाग पर भी खराब असर डालता है। नशे का आदी छात्र कभी सही तरह से शिक्षा नहीं हासिल कर पाता है। ऐस छात्रों का मन हमेशा गलत कार्यों में ही भटकता रहता है। इसलिए किसी भी तरह के नशे से दूर रहना चाहिए।
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आलस सबसे बड़ा दुश्मन
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि छात्रों को आलस से दूर रहना चाहिए। आलस सफलता में सबसे बड़ा बाधक बनता है। इसकी वजह से ही छात्र अवसरों का पूर्ण लाभ नहीं उठा पाते और आगे चलकर इन्हें कष्ट उठाना पड़ता है। वहीं, आलस से दूर रहने वाले छात्र हमेशा सफलता अर्जित करते हैं।
अनुशासन में रहें
चाणक्य नीति कहती है कि छात्रों का जीवन अनमोल होता है। इस दौरान हासिल की गई शिक्षा पूरे जीवन काम आती है। इसलिए इनके जीवन में अनुशासन बेहद ही जरूरी होता है। जो छात्र अनुशासन का पालने करते हैं उन्हें सफलता पाने के लिए ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)