- ईद रमजान के पाक महीने के बाद शव्वाल मास के पहले दिन आता है
- ईद कब मनाई जाएगी, यह चांद दिखाई देने पर निर्भर होता है
- इमाम इस बारे में बताते हैं और ईद का दिन भी घोषित करते हैं
नई दिल्ली : ईद अल-फितर, जिसे ईद के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया भर के मुसलमानों के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार रमजान के पाक महीने के बाद आता है, जिस दौरान लोग करीब महीने तक सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं और जरूरतमंदों को मदद मुहैया कराते हैं। ईद इस्लामिक कैलेंडर के 10वें माह शव्वाल के पहले दिन पड़ता है, जब किस को भी भूखा नहीं रहना होता।
देश में सोमवार को मनाई जाएगी ईद
ईद का त्योहार आम तौर पर लोग दोस्तों, परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों के साथ मिलकर मनाते हैं। ईद का त्योहार चांद दिखाई देने के बाद होता है और इसमें खगोलीय विशेषज्ञों की भूमिका अहम होती है। इस साल भारत में 23 मई को चांद नहीं देखा गया, जिसके कारण ईद यहां सोमवार 25 मई को मनाई जाएगी, जबकि पाकिस्तान, सऊदी अरब सहित कई मुल्कों में यह त्योहार रविवार को ही मानाया जाना है।
ईद पर कोरोना संक्रमण की मार
रमजान का पाक महीना समाप्त होने के बाद शव्वाल के पहले दिन लोग आम तौर पर ईदगाहों व मस्जिदों में एकत्र होकर नमाज पढ़ते हैं और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं। हालांकि इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लोगों को घर में ही नमाज पढ़ने की सलाह दी गई है। इस खास दिन लोग जकात-उल-फितर में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, जिसमें जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाई जाती है। आम तौर पर लोग अपनी आय का 2.5 प्रतिशत परोपकारी कार्यों के लिए दान करते हैं।
कैसे तय होता है ईद का दिन
ईद अमूमन 29 दिन के रमजान महीने के बाद मनाया जाता है, लेकिन अगर उस दिन चांद नजर नहीं आता है तो ईद का त्योहार अगले दिन मनाया जाता है। ऐसे में ईद किस दिन मनाई जाए, इसकी तारीख चांद के दीदार के आधार पर अलग हो सकती है। इमाम, धार्मिक मामलों के प्रमुख या इससे संबंधित संगठनों व संस्थाओं के प्रमुख ईद का चांद देखे जाने की घोषणा करते हैं। खगोलीय आधार पर भी चांद का दीदार विभिन्न स्थानों पर अलग हो सकता है। चांद देखे जाने के बाद इमाम इसकी घोषणा करते हैं कि ईद कब मनाई जाएगी। यह त्योहार भाईचारा, शांति, सौहार्द, खुशहाली, एकजुटता बरकरार रखने के भी संदेश देता है।