- भक्तों के सभी दुखों को हरते हैं संकट मोचन हनुमान
- हनुमान जी की आरती करने से सभी कार्यों में मिलती है सफलता
- यहां जानिए हनुमान जी की आरती करने का सही तरीका
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का बहुत महत्व है, ऐसा कहा जाता है कि पूजा-पाठ करने से मन को शांति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पूजा-पाठ करने से मन में सकारात्मक विचार आने लगते हैं और शरीर सकारात्मक ऊर्जा से तृप्त हो जाता है। कोई भी पूजा या साधना बिना आरती के स्वीकार नहीं किया जाता है। आरती करने से भगवान खुश होते हैं और अपने भक्तों की परेशानियों को दूर करते हैं।
अगर आपके जिंदगी में लगातार परेशानियां आ रही है तो आपको संकट मोचन हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। हनुमान जी की आरती करने से नकारात्मक शक्तियां हमेशा के लिए दूर चली जाती हैं और मंगल कार्य पूरे होते हैं। बहुत से लोग भगवान की आरती उचित तरीके से नहीं करते हैं।
आज हम आपके लिए यह लेख लेकर आए हैं जिसमें हनुमान जी की आरती करने का सही तरीका बताया गया है -
1. आरती से पहले पूजा जरूर करें
किसी भी भगवान की आरती बिना उनकी पूजा किए नहीं करना चाहिए। अगर आप भगवान जी की आरती करना चाहते हैं तो सबसे पहले उनकी पूजा कीजिए। पूजा संपूर्ण करने के बाद हनुमान जी की आरती श्रद्धा भाव से कीजिए।
2. हनुमान आरती करना आवश्यक
विधि अनुसार हनुमान जी की पूजा करने के बाद आरती करना आवश्यक माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार बिना आरती किए कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। हनुमान जी की पूजा करने के बाद मंत्रों का जाप कीजिए। अगर आप चाहे तो इसके बाद भजन भी कर सकते हैं। अंत में हनुमान जी की आरती करके पूजा पूर्ण कीजिए।
3. कपूर या घी के दीपक से कीजिए आरती
हनुमान जी की आरती करते समय आप अपनी आरती की थाली में कपूर या घी के दिये से आरती कर सकते हैं।
4. पंचमुखी होना चाहिए दीया
अगर आप हनुमान जी की आरती दिये से कर रहे हैं तो आपका दिया पंचमुखी होना चाहिए।
5. आरती की थाली में फूल और कुमकुम आवश्यक
हनुमान जी की आरती के थाली में फूल और कुमकुम रखना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी को कुमकुम बेहद प्रिय है।
6. लाल रंग का रखें फूल
आरती की थाली में हनुमान जी की पूजा करने के लिए लाल फूल रखें। अगर आपके पास लाल फूल नहीं है तो आप गेंदे का फूल भी रख सकते हैं। अक्सर हनुमान जी को गेंदे के फूल की माला अर्पित की जाती है।
7. घड़ी की सुई के दिशा के अनुसार कीजिए आरती
हमेशा भगवान की आरती घड़ी की सुई के दिशा के अनुसार करनी चाहिए। घड़ी के सुई के विपरीत दिशा में आरती करना अशुभ माना जाता है।
8. ऐसे करें आरती
हनुमान जी की आरती करते समय चार बार आरती की थाली को उनके चरणों पर घुमाइए, फिर उनके नाभि के पास दो बार घुमाइए। नाभि के बाद उनके चेहरे के सामने एक बार आरती की थाली को घुमाइए फिर अंत में पूरे शरीर पर सात बार आरती की थाली घुमाइए।
9. मीठा प्रसाद रखें
पूजा और आरती में हनुमान जी का प्रिय प्रसाद शामिल करें। इसमें फलों के साथ मिठाई जरूर रखें। चूरमा, भीगे हुए चने या गुड़ भी प्रसाद में रखा जा सकता है।