- मंगल के बुरे प्रभाव से मनुष्य अपने परिवार का ही दुश्मन बन जाता है।
- मंगल दोष के कारण दुर्घटनाओं की बहुत ज्यादा संभावनाएं होती हैं।
- मंगल तेज हो तो मनुष्य क्रोधी और अहंकारी बन जाता है।
लाल ग्रह मंगल अंगारक भी कहा गया है। वह युद्ध के देवता और ब्रह्मचारी माने गए हैं। उनकी प्रकृति तमस गुण वाली होती है और कुंडली में मंगल को ऊर्जावान और आत्मविश्वास देने वाला ग्रह भी माना गया है, लेकिन यदि ये कुंडली में बहुत ज्यादा कारक हो तो जातक बेहद अहंकारी बन जाता है और इस अहंकार में उसे अपना बुरा भी नजर नहीं आता है। इसलिए यदि कुंडली में मंगल तेज और अशुभ फल देने वाला हो तो उसके लिए जातक को मंगलवार के दिन कुछ खास उपाय करने चाहिए। कुंडली में मंगल यदि अच्छे फल देने वाला हो तो इंसान अपने जीवन के हर कार्य में कामयाबी पाता है, लेकिन बुरा फल देने वाला हो तो मनुष्य का सब कुछ छीन जाता है।
जानें, मंगल कब देता है अशुभ योग
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यदि जातक की कुंडली में मंगल औ राहु एक ही घर में हो तो ऐसे इंसान में क्रोध और अहंकार बहुत होगा। ऐसा इंसान न तो शांत रहता है न किसी को रहने देता है।
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यदि बार-बार जातक किसी दुर्घटना का शिकार हो रहा हो। ये संकेत मंगल के बुरे प्रभाव का कारण होता है और किसी बड़ी दुर्घटना के योग भी बन सकता है।
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यदि जातक की बार-बार सर्जरी हो रही हो या ऐसी बीमारी का सामना कर रहा जो उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहा हो। ऐसे जातक को रक्त से जुड़ी समस्याएं भी होती हैं।
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अंगारक योग कुंडली में होने पर मंगल मनुष्य स्वभाव बहुत क्रूर और नकारात्मता से भर देता है।
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मंगल यदि बहुत तेज हो तो जातक का अपने परिवार से रिश्ता खराब हो जाता है।
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यदि कुंडली में नीचस्थ मंगल योग होता है, उनमें आत्मविश्वास और साहस की कमी होती है।
यदि मंगल के उपरोक्त लक्षण नजर आते हैं, तो इसका मतलब है कि मंगल आपके लिए सही नहीं है और आपको इसे शांत करने के लिए कुछ उपाय जरूर करने चाहिए।
जानें किन उपायों से करें मंगल को शांत
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मंगलवार के दिन सुबह घर में बजरंगबली की पूजा करें और इसके बाद शाम को मंदिर जा कर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। ऐसा आपको हर मंगलवार करना होगा। इससे मंगल शांत होगा।
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यदि मंगल तेज है या मंगल दोष हो तो जातक को हमेशा जमीन पर ही सोना चाहिए।
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मंगलवार का व्रत करने के साथ इस दिन जातक को कुमार कार्तिकेय की उपासना भी करनी चाहिए।
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यदि मंगल बहुत तेज हो तो जातक को न लाल वस्त्र, मूंगा, और लाल चीजों के दान से बचना चाहिए।
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मंगल को शांत करने के लिए इस दिन हनुमान चालिसा, बजरंगबाण और हनुमाननाष्टक का पाठ करना चाहिए।
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मंगल को शांत करने के लिए जातक को रोज सुबह माता-पिता के पैर छूने चाहिए या माता-पिता तुल्य लोगों की सेवा करनी चाहिए
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हर मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें।
ध्यान रहे कि जिसका मंगल खराब होता है, उसे कभी इस बात का ज्ञान नहीं होगा कि वह कुछ अनिष्ट कर रहा है। इसलिए जातक के परिजनों को चाहिए कि उसके मंगल दोष को दूर करने के लिए उसके हाथों उपाय कराएं।