- हर शुभ कार्य व पूजा-पाठ, शादी विवाह में हाथ में कलावा जरूर बांधा जाता है
- कलावे को मौली या रक्षा सूत्र भी कहा जाता है
- हिंदू धर्म में पंडित मंत्र पढ़कर कलावा बांधते हैं
Kalawa Benefits: हिंदू धर्म में कलावा का विशेष महत्व होता है। हर शुभ कार्य व पूजा-पाठ, शादी विवाह में हाथ में कलावा जरूर बांधा जाता है। इसे मौली या रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में पंडित मंत्र पढ़कर कलावा बांधते हैं। इसके अलावा किसी भी धार्मिक कार्यों में कलावा रखना अनिवार्य माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथ में कलावा बांधने से तीन महादेवी महालक्ष्मी, मां सरस्वती, मां काली का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति को हर संकटों से छुटकारा मिलता है। कलावा सबसे शुभ माना जाता है इसलिए इसे हाथ में बांधवाने के कुछ नियम होते हैं। नियमों को ध्यान में रखकर ही पूजा के दौरान कलावा बांधना और बदलना चाहिए।
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इस हाथ में बंधवाना चाहिए कलावा
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार पुरुषों को और अविवाहित कन्याओं को अपने दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए, जबकि शादीशुदा महिलाओं को बाएं हाथ में कलावा बंधवाना चाहिए। साथ ही जब पंडित कलावा बांधते हैं तो हाथ में दक्षिणा लेकर मुट्ठी बंद कर देनी चाहिए और कलावा बांधने के बाद वह दक्षिणा पंडित जी को दे देनी चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
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इस दिन हटाएं हाथों से पुराना कलावा
कुछ लोग कलावा बंधवाने के बाद से किसी भी दिन निकाल कर हटा देते हैं, लेकिन ऐसा करना अशुभ माना जाता है। अगर आपको अपने हाथ का कलावा हटाना है या बदलना है तो इसे मंगलवार या शनिवार के दिन ही बदले। इस दिन पूराना कलावा हटाना अच्छा माना जाता है और इसी दिन दूसरा नया कलावा भी पहनना शुभ माना जाता है।
इधर उधर नहीं फेंकना चाहिए पुराना कलावा
पुराने कुछ लोग पुराने कलावे को हटा कर इधर-उधर फेंक देते हैं, लेकिन ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है। पुराने हो चुके कलावे को हमेशा नदी में बहा देना चाहिए या किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख देना चाहिए।
कलवा बांधते समय इस मंत्र का करें जाप
हाथों में कलावा बांधते समय मंत्रोच्चारण जरूर करना चाहिए। ताकि हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का वास हो सके। कलावा बंधवाते समय पंडित इस मंत्र का उच्चारण करते हैं- ॐ एन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वा मनुबधनानि रक्षे माचल माचल
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)