- हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है महाशिवरात्रि
- भगवान शिव को समर्पित है महाशिवरात्रि का पर्व
- महाशिवरात्रि पर कुछ उपाय करने से घर में बनी रहती है सुख शांति, कालसर्प भी होता है दूर
नई दिल्ली: हर वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास में मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 11 मार्च को मनाई जा रही है जिस दिन घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की व्रत, पूजा-पाठ, जप और तप का विशेष महत्व है।
शास्त्रों के मुताबिक हाशिवरात्रि पर जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और सौभाग्य, समृद्धि और संतान प्राप्ति का वरदान देते हैं। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को बेलपत्र और बेर अवश्य अर्पित किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।
महाशिवरात्रि पर किए जाने वाले कुछ चमत्कारी उपाय।
परिवार की सुख समृद्धि के लिए उपाय:
महाशिवरात्रि पर शिव और पार्वती की पूजा करना अनिवार्य बताया गया है। इस दिन सवा लाख बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से परिवार में सुख व समृद्धि बढ़ती है। ऐसा माना जाता है कि इससे भय से मुक्ति मिलने के साथ-साथ भोलेनाथ का आशीर्वाद भी मिलता है।
धन में वृद्धि:
महाशिवरात्रि पर अगर आप विधिवत पूजा या जप करें तो भगवान शिव की कृपा धन पर भी होती है। घर की सुख शांति के लिए सवा किलो जौ की पोटली लीजिए फिर उसे शिवलिंग पर अर्पित करके तिजोरी में रख दीजिए। यह उपाय धन वृद्धि के लिए बहुत लाभदायक माना गया है।
धन वैभव के लिए उपाय:
महाशिवरात्रि पर शिवालय में शिवलिंग पर अभिषेक बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, दूध ,दही और शहद से अभिषेक करना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक शिवरात्रि पर शिवलिंग पर अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भाग्योदय के लिए उपाय:
महाशिवरात्रि पर जागरण करना अत्यंत लाभदायक कहा जाता है। इस दिन शिवमंत्रों का जाप करने से सोया हुआ भाग्य भी जग जाता है। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और घर में सुख शांति रहती है। इस दिन शिवभक्त रात्रि जागरण कर भगवान शंकर की पूजा और जाप करते है।
कालसर्प दोष दूर करने के लिए उपाय:
जानकारों का मानना है कि महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष दूर करने के लिए घर के मुख्य दरवाजे को हल्दी के पानी से धोना चाहिए। हल्दी के पानी से धोने के बाद स्वास्तिक बनाना चाहिए और ईशान कोण में दीप जलाकर भगवान शिव की भक्ति करना चाहिए।