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Nag Panchami Vrat Katha: नाग पंचमी की व्रत कथा हिन्दी में, पौराणिक कहानी से जानें क्यों मनाया जाता है ये पर्व

Updated Aug 02, 2022 | 10:20 IST

Nag Panchami 2022 Vrat Katha in Hindi: पंचांग के अनुसार सावन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है नाग पंचमी। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। यहां पढ़ें नाग पंचमी की व्रत कथा हिन्दी में।

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Nag Panchami vrat katha in hindi

Nag Panchami 2022 Vrat Katha in Hindi: यह हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। ऐसा कहा जाता है, कि नागों की पूजा करने से भोलेनाथ भी बहुत प्रसन्न होते हैं। इनकी पूजा आराधना करने से न केवल सर्प दोष से मुक्ति मिलती हैं, बल्कि सभी मनोकामनाएं भी शीघ्र पूर्ण होती हैं। यदि आप भी कल नाग पंचमी का व्रत करने की सोच रहे हैं, तो पूजा में इस कथा को जरूर पढ़ें।  मान्यताओं के अनुसार इस कथा को पढ़ने से नाग देवता जल्द प्रसन्न हो जाते है।

Nag Pachami Vrat Katha In Hindi 

पौराणिक कथा के अनुसार एक राजा के सात पुत्र थे। उन सभी के विवाह हो चुके थे। उनमें से छह पुत्रों को संतान हो चुका था। लेकिन राजा के सबसे छोटे पुत्र को अब तक कोई संतान नहीं थी। इस वजह से राजा की पुत्र वधू को अक्सर उसकी जेठानी बांझ कहकर ताना मारती थी। यह सुनकर राजा की पुत्र वधू बहुत दुखी रहती थी।

एक दिन उसने अपने पति से कहा, दुनिया मुझे बांस कहकर पुकारती है। यह सुनकर उसके पति ने कहा, तुम इस पर बिल्कुल ध्यान ना दो। तू अपनी दुनिया में प्रसन्न रहों। पति की बात सुनकर उसे सांत्वना मिली। लेकिन फिर भी लोगों की बातों को सुनकर वह अक्सर दुखी हो जाती थी।

एक दिन नाग पंचमी का पर्व आ गया। चौथे की रात को राजा की पुत्र वधू को सपने में 5 नाग दिखाई दिए। उनमें से एक नाग ने उससे कहा 'हे पुत्री कल नाग पंचमी है, तू अगर हमारा पूजन करेगी, तो तुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी। यह सुनकर राजा की पुत्र वधू बहुत प्रसन्न हुई और उसने अपने पति से जाकर सारी बात कहीं।

पति उसकी बात सुनकर बोला अगर तुम्हें नाग दिखाई दिए है, तो तुम नागों की आकृति बनाकर उसकी पूजन करों। सभी नाग देवता ठंडा भोजन ग्रहण करते हैं, इसलिए उन्हें कच्चे दूध चढाओं। नाग पंचमी के दिन राजा की पुत्र वधू ने ठीक वैसा ही किया। नागों की पूजा करने से राजा की पुत्रवधू को नौवें महीने में एक सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई। इस तरह से संसार में नाग पंचमी का व्रत  विख्यात हो गया।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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