- रक्षाबंधन के दिन गजकेसरी योग का बनना शुभ फलदायी है।
- इस साल राखी पर भद्राकाल नहीं है।
- सावन पूर्णिमा होने पर चंद्र ग्रह प्रभावी रहेगा।
Raksha Bandhan Shubh yog : रक्षाबंधन का त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस साल राखी का पर्व कई मायानों में शुभ है। क्योंकि इस बार त्योहार पर भद्रा की काली छाया नहीं है। साथ ही इस खास मौके पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल राखी पर चंद्रमा कुंभ राशि में मौजूद हैं और गुरु कुंभ राशि में ही वक्री चाल में मौजूद है। ऐसे में गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी योग का बन रहा है। इसे बेहद शुभ माना जाता है। गजकेसरी योग पर सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्राकाल नहीं है। ऐसे में त्योहार में राजयोग भी बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार रक्षाबंधन के दिन तीन ग्रहों सूर्य, मंगल और बुध का अनूठा संयोग बन रहा है। ये तीनों एक साथ सिंह राशि में मौजूद रहेंगे। ऐसा संयोग 474 साल के बाद बन रहा है। ऐसे में ये विशेष फलदायी साबित होगा। ऐसा योग 2021 से पहले 11 अगस्त 1547 को बना था। रक्षाबंधन धनिष्ठा नक्षत्र में मनाया गया था और सूर्य, मंगल, बुध की ऐसी ही स्थिति थी। उस समय शुक्र बुध की मिथुन राशि में था।
रक्षाबंधन पर शोभन योग सुबह करीब 10.37 बजे तक रहेगा। अमृत योग सुबह 5.40 से शाम 5.30 बजे तक रहेगा। रविवार को धनिष्ठा नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग भी रहेगा।
इन राशि वालों को मिलेगा लाभ
रक्षाबंधन धनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जाएगा। इसके अलावा सूर्य,मंगल और बुध का सिंह राशि में होने से शुभ संयोग बनेंगे। इसलिए सिंह राशि के जातकों को विशेष लाभ होगा। पंडित रामधारी शुक्ला के अनुसार आज के दिन उन्हें विजय की प्राप्ति होगी। इसके अलावा धन लाभ समेत अन्य कई फायदे होंगे। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा शक्तिशाली है उन्हें भी आज के दिन विशेष लाभ होगा। राजयोग बनने पर खरीदारी करना भी अत्यंत शुभ रहेगा।
भाई न होने पर क्या करें
जिन महिलाओं का कोई भाई नहीं है, वो हनुमान जी, श्रीकृष्ण, शिवजी या अपने ईष्टदेव को रक्षासूत्र बांध सकती हैं। पुरुष भी भगवान को रक्षासूत्र बांध सकते हैं। इससे ईश्वर उनकी रक्षा करते हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।