- क्रोध पति-पत्नी के रिश्ते में खटास का सबसे बड़ा कारण
- एक दूसरे के गोपनीयता का ध्यान रखना जरूरी
- रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए धैर्य रखना जरूरी
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियां हजारों साल बाद आज भी प्रासंगिक है। जीवन से जुड़ी हर एक समस्या और हर एक सवाल का जवाब अचार्य चाणक्य की नीतिशास्त्र में मिल जाती है। चाणक्य नीति को अपनाकर मनुष्य अपना जीवन सफल बना सकता है। आज हम आपको यहां आचार्य चाणक्य द्वारा खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए बताए गए उपायों के बारे में बताएंगे। आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई इन बातों को अपनाकर टूटने के कगार पर पहुंच चुके पति-पत्नी का रिश्ते को भी बचाया जा सकता है।
क्रोध न करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी रिश्तों में आने वाली कड़वाहट की एक बड़ी वजह क्रोध होता है। यदि पति या पत्नी में कोई एक व्यक्ति भी गुस्से वाला हो तो उनके रिश्ते में हमेशा खटास बनी रहती है। गुस्सैल स्वभाव की वजह से ही उनके परिवार में कभी खुशहाली नहीं होती। क्रोध को त्याग कर ही आप अपने रिश्ते को बचा सकते हैं।
गोपनीयता का ध्यान रखें
आचार्य चाणक्य ने कहा कि, पति और पत्नी के बीच गोपनीयता होना बहुत जरूरी है। किसी भी जोड़े को इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि उनके बीच होने वाली कोई भी गोपनीय बात किसी तीसरे व्यक्ति तक न पहुंचे। यदि कोई भी व्यक्ति अपने पति या पत्नी के बीच होने वाली बातों को अपने तक ही सीमित रखें तो वह हमेशा सुखी रहते हैं।
एक दूसरे का सम्मान करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, शादीशुदा जीवन में पति और पत्नी दोनों को मर्यादा में रहना बहुत जरूरी है। एक दूसरे के मान-मर्यादा का सम्मान करने वाले जोड़े हमेशा खुश रहते हैं और उन्हें कभी भी किसी विपरीत परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता।
धैर्य जरूरी है
आचार्य के अनुसार, खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए पति और पत्नी दोनों में धैर्य होना बहुत जरूरी है। विपरीत परिस्थितियों में धैर्य रखने वाले पति-पत्नी ही अपने जीवन को आगे बढ़ा सकते हैं। ऐसे जोड़े हमेशा खुश रहते हैं।
झूठ कभी न बोले
आचार्य के अनुसार, पति-पत्नी का रिश्ता झूठ की नींव पर कभी नहीं टिक सकता। लंबे समय तक सच्चाई छिपाए रखने के बाद जब इसका खुलासा होता है तो निश्चित तौर पर पति-पत्नी के रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है। इसलिए एक दूसरे से हमेशा सत्य बोलें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)