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ना दिन में चैन ना रात को मिलेगा सुकून मिलेगा, अगर यह तीनों ग्रह साथ बैठ गए तो

Updated Apr 03, 2022 | 12:54 IST

Problem in Horoscope: किसी भी ग्रह की युति का पता कुंडली की स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है। इसमें मित्र ग्रह भी साफ हो सकते हैं शत्रु की रैली साथ हो सकते हैं उसी के हिसाब से कुंडली में फलों का निर्माण होता है। जो मनुष्य के जीवन मे उत्पन्न होते हैं।

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ये गृह ला सकते हैं जीवन में मुश्किल
मुख्य बातें
  • 2 से 3 ग्रह जब एक साथ बैठे हो तब वह युति होती है
  • हर ग्रह अपनी मित्रता शत्रुता के हिसाब से फल प्रदान करते है
  • ज्योतिषीय परामर्श से निदान कराएं

Planet In Horoscope: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी भी मनुष्य की कुंडली में तीन ग्रह एक साथ बैठ जाए तब कुंडली में किसी भी प्रकार के योग उन ग्रहों की युति से बनते है। उनके क्या अच्छे बुरे परिणाम मनुष्य के जीवन में असर डालते है। ज्योतिष में ऐसा बताया गया है। हर ग्रह की दूसरे ग्रहों से मित्रता शत्रुता दोनों ही है। मित्र के साज्योयतीश शास्त्र, कुंडली में बैठे गृह, ग्रहों के परिणाम, जीवन का चक्र अच्छे फल मिलते हैं। शत्रु के साथ होने पर बुरे फल मिलते हैं। जिसके फल स्वरूप जीवन का चक्र डगमगा जाता है। जब कुंडली में तीन ग्रह एक साथ हों तो वह ग्रहों की युति कहलाती है। कुंडली में बैठे ग्रह ही विशेष योगों का निर्माण करते है। इन्हीं योगों के माध्यम से सफलता की प्रबल संभावना बनती है। तीन ग्रहों की युति होने से त्रिग्रही योग भी बनता है। इसका सभी के जीवन पर कुछ न कुछ प्रभाव पड़ता ही है।

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आइए जानते है कौन-कौन से ग्रहों की युति क्या-क्या फल देती है

1. जब कुंडली मे सूर्य चन्द्र बुध साथ हों तो इस तरह के फलों का निर्माण होता है। व्यक्ति मनोवैज्ञानिक सरकारी अधिकारी ब्लैक मेलर बनता है। साथ ही अशांत मन मानसिक तनाव व परिवर्तनशील स्वभाव हो जाता है।

2. सूर्य चन्द्र केतू जब कुंडली में एक साथ बैठे हों। तव मनुष्य रोज़गार के लिये परेशान न दिन को चैन न रात को चैन बुद्धि काम नही करती चाहे व्यक्ति लखपति भी हो जाये पर शक्तिहीन ही रहता है।

3. यह तीनों बलवान ग्रह सूर्य शुक्र शनि एक साथ एकत्रित होते हैं। तब पति पत्नी में विद्रोह तलाक घर में अशांति सरकारी नौकरी में बाधा उतपन्न करते हैं।

4. सूर्य बुध राहू के साथ होने पर सरकारी नौकरी में अधिकारी द्वारा गड बड़ दो विवाह का योग संतान के लिये कस्ट जीवन में अन्धकार कई तरह की परेशानियों से जीवन विचलित रहता है।

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5. किसी मनुष्य की कुंडली में चन्द्र शुक्र बुध एक साथ हों तब सरकारी अधिकारी व कर्मचारी के जीवन मे अशांति व घरेलू अशांति सास बहु का झगड़ा व्यापार में नुकसान लड़कियाँ अधिक होना संतान पैदा होने में विघ्न उतपन्न करते है।

6. चन्द्र मंगल बुध की युति में मनुष्य मन साहस  बुद्धि का सामंजस्य का धनी होता है।  स्वास्थ अच्छा रहता है। नीतिवान साहसी होता है। सोच विचार से काम करने वाला होता है। यही ग्रह पाप दृष्टी में हों तो मनुष्य डरपोक ख्याली पुलाव पकाने वाला होता है।

7. कुंडली में चन्द्र मंगल शनि की युति होने पर नज़र कमजोर होती है। बीमारी का भय होता है। डॉक्टर वैज्ञानिक व इंजीनियर बनता है। पर मानसिक तनाव ब्लड प्रेशर कम या अधिक बना रहता है।

8. चन्द्र मंगल राहू की कुंडली में युति होने पर पिता के लिए अशुभ होता है। मन चंचलता से भरा होता है। माता तथा भाई
के लिए लाभदायी नही होता है।

9. कुंडली में जब इन तीनो ग्रहों चन्द्र बुध शनि की युति होने पर तंतु प्रणाली में रोग होता है। बुद्धि की खराबी से अनेक दुःख उतपन्न हो जाते है। मन अशांत रहता है। मानसिक तनाव व वहम की समस्या बनी रहती है।

10. चन्द्र बुध राहू की युति होने पर यह माँ के लिए अशुभ माना जाता है। सुख कम मिलता है। पिता पर इसका प्रभाव भारी पड़ता है। दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।

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11. चन्द्र शनि राहू के कुंडली मे बैठ कर एक साथ युति करने पर माता का सुख कम मिलता है। दिमागी समस्याएं बनी रहती है। ब्लड प्रेशर की बीमारी लग जाती है। दुर्घटना का भय लगा रहता है। स्वास्थ हल्का खराब रहता है।

12. यह तीनों ग्रह शुक्र बुध शनि जब युति करते है। तब चोरियां होती है। धन की हानी होती है। प्रॉपर्टी डीलर व जायदाद का मालिक बनाता है। ऐसे मनुष्य की पत्नी उसके घर की मुखिया होती है।

13. मंगल बुध शनि की युति से आँखों में विकार उतपन्न होता है। तंतु प्रणाली में विकार हो जाते है। रक्त में विकार की समस्या बन जाती है। मामाओं के लिये यह अशुभ होता है। दुर्घटना का भय हर वख्त मन में बना रहता है।

14. जब मंगल बुध गुरू अपनी युति बनाते है। तब वह मनुष्य अपने कुल का राजा होत है। विद्वान शायर गाने का शौकीन होता है। ऐसे मनुष्य को पत्नी सुंदर आकर्षक व्यक्तित्व की मिलती है।

15. मंगल बुध शुक्र की युति में मनुष्य धनवान होता है। चंचल स्वभाव का होता है। हमेशा खुश रहने वाला व क्रोधी भी होता है।

16. यह तीनों बलि माने जाने वाले मंगल बुध राहू की युति में व्यक्ति सामाजिक बुरा होता है। कंजूस व लालची स्वभाव का होता है। इस युति में मनुष्य रोगी  फ़कीर बुरा काम करने वाला होता है।

17. जब कुंडली मे मंगल बुध केतू उपस्थित होकर युति करते है। तब  उस मनुष्य के साथ बहुत अशुभ होता है। वह रोगी होता है। कंजूस  दरिद्री गंदा रहने वाला व व्यर्थ के काम में अपना जीवन व्यतीत करने वाला होता है।

18. गुरू सूर्य बुध के साथ कि युति ऐसे मनुष्य के पिता के लिए अशुभ होती है। उसको विद्या विभाग में नौकरी मिलती है।

19. इन तीनों ग्रहों गुरू चन्द्र शुक्र की युति में दो विवाह होते है। रोग लगे रहते हैं। प्रेम प्रसंग में बदनामी मिलती है। कभी धनी कभी गरीब यानी आर्थिक स्थिति चरमराई हुई होती है।

20. गुरू चन्द्र मंगल की युति होने पर मनुष्य हर प्रकार से उत्तम जीवन जीता है। धन की कमी नही रहती। उच्च पद का सम्मान प्राप्त होता है। बड़ा अधिकारी होता है। गृहस्थ सुख पूर्ण रूपसे मिलता है।

21. गुरू चन्द्र बुध की युति में मनुष्य धनी अध्यापक दलाल होता है। यह पिता के लिये अशुभ होती है। माता बीमार रहती हैं।

22. गुरू शुक्र मंगल की युति में संतान की और से परेशानी बनी रहती है। प्रेम संबंधों से दुःख व गृहस्थ जीवन में असुख की भरमार होती है।

23.किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरू शुक्र बुध उपस्थित हों तब कुटुंब अथवा गृहस्थ सुख बुरा मिलता है। पिता के लिये अशुभ होता है। व्यापारी वर्ग से निराशा मिलती है।

24. गुरू शुक्र शनि की युति फसादी बनाती है। पिता-पुत्र में तकरार होती रहती है।

25. गुरू मंगल बुध की युति में संतान कमजोर होती है। बैंक एजेंट धनवान व वकील बनाती है।

26. चन्द्र शुक्र बुध सूर्य की युति में मनुष्य आज्ञाकारी अच्छे काम करने वाला माता पिता के लिये शुभ फलदायी भला आदमी होता है। सरकारी नौकरी विलम्ब से मिलती है।

यह ग्रहों की युति तब बनती है जब एक साथ दो या उससे अधिक ग्रह कुंडली में बैठकर युति करते हों इन्हीं युति के हिसाब से मनुष्य के जीवन में अच्छे बुरे फलों की प्राप्ति होती है। सभी कर्मों का निर्माण ग्रहों की आपसी युति के हिसाब से ही मनुष्य के जीवन में प्राप्त होता है।

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