नई दिल्ली : दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की शादी की खूब चर्चा है। इसी बीच खबर आई है कि दोनों सात जन्म के बंधन में बंधने से पहले खास नंदी पूजा करेंगे। बता दें कि नंदी बैल को भगवान शिव की सवारी कहा जाता है और ये भी मान्यता है कि नंदी को मन की बात बता देने से भक्तों का संदेश बहुत जल्दी भोलेनाथ तक पहुंचता है।
भगवान शिव अपने सर्वत्र विद्यमान भक्तों के प्रत्येक मनोकामना को पूर्ण करने वाले हैं। उनका एक परिवार है जिसे शिव परिवार कहते हैं और इसमें नंदी की बहुत अहम भूमिका है। नंदी भगवान शिव तक अपनी मनोकामना पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है। यही कारण है कि भक्त नंदी के कान में अपनी मनोकामनाएं उच्चारित करते हैं ताकि ये भगवान शिव तक पहुंच जाएं।
साथ ही नंदी समृद्धि का प्रतीक है। उनकी पूजा से साहस और आत्मबल के साथ साथ शिव जी का आशीर्वाद भी मिलता है। ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज से यहां जानें नंदी पूजा के लाभ :
- शिक्षा तथा प्रतियोगिता में सफलता की प्राप्ति होती है।
- विवाह में मंगल दोष को दूर करता है। एक बात स्पष्ट कर दें यदि वर और कन्या में एक मांगलिक है और दूसरा नहीं है तो भी विवाह के पूर्व दोनों की नंदी पूजा करवाई जाती है।
- दांपत्य जीवन की सफलता हेतु यह पूजा आवश्यक मानी जाती है।
- यदि आप मुकदमों से परेशान हैं तो यह पूजा आपको उससे मुक्ति दिलाएगी।
- रोगों से मुक्ति के लिए ये पूजा बहुत सहायक है। भगवान शिव मंदिर में महामृत्युंजय पूजा के साथ-साथ नंदी पूजा भी करनी चाहिए।
- मंगल दोष निवारण हेतु नंदी पूजा बहुत लाभकारी है।
क्या है नंदी पूजा की विधि
दुग्ध और गंगा जल से नंदी को स्नान कराएं। अक्षत के साथ गुड़ मिलाएं और अर्पित करें। पूजा में फल और फूल भी नंदी देव को चढ़ाए जाते हैं। नंदी स्तुति करें। रुद्राष्टक करने के बाद फिर चंदन से उनके मस्तक का लेपन करें। जो लोग किसी विशेष मनोकामना पूर्ति हेतु पूजन कर रहे हैं वो अपने मन की आकांक्षा नंदी जी के कान में कहकर उनके चरणों में मस्तक को रखकर सम्पूर्ण समर्पण का भाव रखें। ऐसा करने से उनकी मनोकामना निश्चित तौर पर पूरी होगी।
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