- हनुमान चालीसा के साथ बजरंगबाण का भी पाठ करें
- मंगलवार की शाम को हनुमान मंदिर जरूर जाएं
- बेसन का लड्डू या हलवे का भोग भगवान को लगाएं
अंजनी पुत्र हनुमान को प्रसन्न करने के लिए खास तरह से पूजा पाठ करनी होती है। भगवान यदि प्रसन्न हो जाएं तो न केवल आपके ऊपर आने वाली बाधाएं दूर होंगी, बल्कि आपकी कई मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं। लाल देह लाली लसे को लाल रंग बेहद प्रिय है। यही कारण है कि हनुमानजी को बनारसी पान भी बहुत भाता है। मंगलवार के दिन जो कोई उन्हें पान चढ़ाता है, उससे वह बेहद प्रसन्न होते हैं। लेकिन खाली पान चढ़ाने से काम नहीं बनेगा। पान चढ़ाने के साथ पीपल के पत्ते की माला भी हनुमत को चढ़ाना होगा। मंगलवार को ये दो चीज चढ़ाने भर से आपके बहुत से रुके काम पूरे हो जाएंगे और आपके जीवन में खुशियों का संचार होगा। याद रखें कि हनुमान जी को केवल पान नहीं चढ़ाना बल्कि पान का बेड़ा चढ़ाना है यानी पान लगाकर चढ़ाना होगा। इसके लिए आप खुद पान में डाली जाने वाली सामग्री एकत्र करें और पान का बीड़ा बनाएं। वहीं पीपल के पत्ते आपको मंगलवारके दिन ही तोड़ कर माला बनाना होगा। तो आए जानें ये सब कैसे करना होगा ताकि हनुमत कृपा आप पर बनी रहे।
ऐसे करें पूजा की तैयारी
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान से निवृत हो कर आप मंगवाल को पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और ये पत्ते साबूत हो इस बात का ध्यान रखें। पत्तों में कोई छेद आदि न हो। पत्ते खंडित नहीं होने चाहिए। अब इन पत्तों को साफ जल में धो कर कुमकुम या चंदन लगाएं और चंदन से श्रीराम का नाम लिख कर इन पत्तों की माला बनाएं। अब इस माला को आप हनुमानजी के मंदिर में चढ़ा दें। साथ में रसीला पान चढ़ाएं।
ऐसे बनाएं पान
पान के पत्तों में कत्था, गुलकंद, सौंफ, घिसा नारियल और सुमन कतरी मिला कर डालें। इससे पान रसीला बनेगा। याद रखिए इस पान में चूना या सुपारी या तंबाकू भूल कर भी न डालें। हनुमानजी को पान चढ़ाने से जीवन की हर समस्या खत्म हो जाती है।
ऐसे भी करें भगवान को प्रसन्न
- बजरंगबली का कृपा पात्र बनने के लिए हनुमान चालीसा के साथ बजरंगबाण भी जरूर पढें।
- मंगलवा की शाम को हनुमान मंदिर जाएं और भगवान को केवड़े का इत्र व गुलाब की माला चढ़ाएं।
- बेसन के लड्डू या हलवे का भोग लगाकर गरीब कन्याओं को खिलाएं।
- हर मंगलवार की शाम को पीपल के पेड़ में दीपक जलाएं और वहीं बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ें।
- मंगवालर के दिन ऊं हं हनुमते नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 माला करें।
बजरंगबली को सादगी और प्रेम पसंद है। अगर आप भगवान को सच्चे मन से उनके सामने हाथ भी जोड़ लें तो वह आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और आप पर आशीर्वाद की झड़ी लगा सकते हैं।