दिनांक10 जनवरी को पौष पूर्णिमा है। इस दिन पूजा व व्रत का विशेष महत्व है। पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा के बीज मंत्र का जप करें। मन की एकाग्रता के लिए आज की रात्रि विशेष ध्यान पूजा का भी विधान है।
गुरु की शुभता में वृद्धि के लिए श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ भी आवश्यक है। आइए अब जानते हैं प्रत्येक राशि के अनुसार पौष पूर्णिमा को दैहिक, दैविक तथा भौतिक संतापों को दूर करने के सरल उपाय-
राशि अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन करें ये खास उपाय
- मेष- हनुमान जी की पूजा करें। 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। गुड़ का दान करें। अपने वजन के बराबर गेहूं का दान कष्टों से मुक्ति दिलाएगा।
- वृष- श्री सूक्त का पाठ करें। चावल तथा चीनी का दान करें। गोशाला में गाय का भोजन दान करें।
- मिथुन- श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।मूंग की दाल का दान करें गरीबों में कम्बल का दान करना लाभकारी है।
- कर्क- शिव उपासना करें।दुर्गासप्तशती का पाठ करें। अपने वजन के बराबर चावल का दान करें।
- सिंह- श्री आदित्यहृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें। गेहूं व गुड़ का दान करें।
- कन्या- श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें।कम्बल दान करें। बुध के बीज मंत्र का जप करें।
- तुला- श्री गणेश व लक्ष्मी पूजा करें। गरीबों में ऊनी वस्त्रों का दान करें।
- वृश्चिक- बजरंगबाण का पाठ करें। सुन्दरकाण्ड का भी पाठ करें। अन्न का दान करें।
- धनु- श्री रामचरितमानस के अरण्यकाण्ड का पाठ करें। धार्मिक पुस्तकों का दान करें।
- मकर- शनि के बीज मंत्र का जप करें। सुन्दरकाण्ड का भी पाठ करें। कम्बल का दान करें।
- कुंभ- हनुमानबाहुक का पाठ करें। तिल का दान करें। गरीबों में ऊनी वस्त्रों का दान करें।
- मीन- गुरु के बीज मंत्र के साथ साथ चंद्रमा के भी बीज मंत्र का जप करें। पीपल की 07 परिक्रमा करें। कम्बल का दान करें।
इस दिन माघ स्नान होता है। इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में कहा गया है कि यदि कोई पूरे एक माह माघ पवित्र नदी में माघ स्नान कर ले तो वह जन्म-मरण के कालचक्र से मुक्त हो जाता है। यदि कोई पूरे माह स्नान नहीं भी कर पाता तो पूर्णिमा के दिन स्नान जरूर करें और दान करे।