- गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था
- गुड फ्राइडे के दिन सभी सजावटी चीजों को हटा दिया जाता है
- चर्च में प्रार्थना का समय दोपहर 12 से 3 बजे तक ही होता है
10 अप्रैल को गुड फ्राइडे है और ये दिन ईसा मसीह के बलिदान का होता है। हालांकि तीन दिन बाद ईस्टर मनाया जाता है और इस दिन ईसाई समुदाय बेहद खुश होता है, क्योंकि इस दिन ईसा मसीह दोबारा जन्म लेते हैं।
गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। सन्हेद्रिन ट्रायल ऑफ जीसस के आध्यात्मिक विवरणों के अनुसार ईसा मसीह को इसी दिन दोपहर के वक्त सूली पर चढ़ाया गया था।
यही कारण है कि गुड फ्राइडे की प्रार्थना चर्च में दोपहर के समय ही की जाती है। गुड फ्राइडे से जुड़े कई तथ्य ऐसे हैं जिसे बहुत कम लोग जानते हैं तो आइए गुड फ्राइडे के मौके पर इससे जुड़े धार्मिक तथ्यों को भी जानें।
गुड फ्राइडे से जुड़े 10 रोचक तथ्य जरूर जानने चाहिए
- गुड फ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह ने अपने प्राण त्यागे थे और इस दिन शुक्रवार था। इसलिए ईसा मसीह की याद में गुड फ्राइडे ईसाई समाज मनाता था।
- गुड फ्राइडे से 40 दिन पहले ईसाई धर्म के लोग उपवास करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ईसाई धर्म में मान्यता है कि प्रभु यीशु ने मानव सेवा करने से पहले 40 दिन का व्रत किया था।
- इस व्रत के दौरान इसाई समुदाय के लोग केवल शाकाहारी भोजन ही करते हैं।
- गुड फ्राइडे के दिन घर या चर्च से सारी सजावटी वस्तुओं को या तो हटा दिया जाता है या उसे ढक दिया जाता है।
- गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के क्रास को चूमना एक संस्कार है और ऐसा करना उनके प्रति प्रेम को दर्शाता है।
- गुड फ्राइडे के दिन चर्च में प्रार्थना का समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ही होता है, क्योंकि प्रभु यीशु को इस दिन इस समय ही क्रास पर चढ़ाया गया था।
- गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईस्टर मनाया जाता है। ईस्टर संडे को होता है और इसी दिन प्रभु यीशु दोबारा जीवित हुए थे।
- गुड फ्राइडे को क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग की चर्च में व्याख्या की जाती है। ईसा के यही अंतिम सात वाक्य थे।
- गुड फ्राइडे के दिन बहुत से देशों में अवकाश होता है और इस दिन टेलीविजन या रेडियो तक पर प्रसारण नहीं किया जाता। वहीं कोई समारोह या खुशनुमा होर्डिंग्स आदि नहीं लगेए जाते। जो लगे होते हैं उन्हे हटा दिया जाता है अथवा ढक दिया जाता है।
- गुड फ्राइडे के दिन चर्च में घंटे नहीं बजते। इस दिन लोग केवल लकड़ी को खटकाया जाता है।