- पूजा में अक्षत चढ़ना देता है सौभाग्य
- चावल के आटे से चौक पूरना शुभ होता है
- चावल के दानें हर देवताओं को चढ़ाए जाते हैं
हर पूजा में अक्षत का प्रयोग जरूर होता है। लाल या पीले रंग से रंगे चावल पूजा में अक्षत के नाम से जाने जाते हैं। चावल के ये दाने विशेष पूजन सामग्री का हिस्सा होते हैं। इतना ही नहीं चावल के आटे से चौक पूजना भी बहुत महत्वपूर्ण और फलदायी माना जाता है। यदि पूजा में अक्षत का प्रयोग न हो तो ये विशेष चूक मानी जाती है।
माना जाता है कि यदि अक्षत जिस पूजा में प्रयोग होता है यदि पूजा में कुछ अन्य चीजें चूक वश छूट भी जाएं तो अक्षत के चढ़ावे से वह भूल माफ मानी जाती है। कई बार ऐसा होता है कि कुछ चीजें कुछ देवाता या देवी को पूजा में चढ़ाने की मनाही होती है, जैसे तुलसी को कुमकुम, गणेशजी को तुलसी, शिवजी को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती, लेकिन अक्षत ऐसी महत्वपूर्ण पूजन सामग्री है जिसे हर पूजा में हर देवी-देवता को चढ़ाया जाता है। अक्षत यानी चावल के कुछ दाने का प्रयोग आपके घर में सुख-शांति और धन-समृदधि सब कुछ दे सकता है।
जानें पूजा में अक्षत चढ़ाने का तरीका और अद्भुद लाभ
- याद रखें कि जब भी पूजा में आप अक्षत यानी चावल के दाने प्रयोग करें वह संपूर्ण हो। यानी चावल के दाने टूटे नहीं होने चाहिए। टूटा चावल अशुभ माना जाता है। चावल के कुछ दाने रोज भगवान को चढ़ाने से आपको ऐश्वर्य की प्राप्ति हो सकती है।
- शिवलिंग पर चावल चढ़ाना बहुत ही फलदायी माना गया है। यदि आपके पास धतुरा या कनैल का फूल नहीं भी है और आप शिवलिंग पर अक्षत चढ़ा दें तो आपको असीम फल की प्राप्ति होगी। अक्षत चढ़ाने वाले को भगवान शिव धन-वैभव और सम्मान प्रदान करते हैं।
- यदि आपके घर में आर्थिक समस्या बनी रहती है तो आपको अपने घर कें मंदिर में मां अन्नपूर्णा की स्थापना करनी चाहिए और उनकी प्रतिमा चावल के ढ़ेर पर स्थापित करना चाहिए। इससे आपके घर में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होगी।
- देवताओं का प्रिय अन्न है चावल और यही कारण है कि इसे देवतान्न भी कहा गया है। इसे सुगंधित द्रव्य कुंकुम के साथ भगवान अर्पित करना चाहिए। ये आपकी मनोकामनाओं को पूर्ण करने का जबरदस्त उपाय है।
- पूजा में यदि आप चौक बना रहे तो उसमें गेहूं के आटे के साथ चावल का आटा भी प्रयोग करें। रंगोली बनाने में भी इसका प्रयोग करें।
- अपने ईष्ट देव के नाम से भी अक्षत का चढ़ावा जरूर चढ़ाया करें। ये आपके घर में सौभाग्य लाएगा।
पूजन के समय अक्षत इस मंत्र के साथ भगवान को समर्पित करना चाहिए :
।।अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकमाक्ता: सुशोभिता:. मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥
तो अब पूजा में अक्षत का प्रयोग करने में कभी भूल न करें। अक्षत आपके जीवन में समृद्धि का वास लाता है।