- सोमवार के दिन चैत्र महीने की अमावस्या पड़ने के चलते इसे सोमवती अमावस्या कहा जा रहा है।
- सोमवती अमावस्या पर भगवान शिवजी की पूजा अर्चना करने से जातकों की कुंडली में चंद्रमा बलवान होता है।
- दान-पुण्य जैसे धार्मिक कार्य करना सोमवती अमावस्या पर बेहद लाभदायक माना जाता है।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या तिथि बेहद फलदाई होती है। अगर अमावस्या तिथि सोमवार पर पड़ती है तो इसका महत्व और प्रभाव बढ़ जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, अमावस्या तिथि हर महीने पड़ती है। चैत्र मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि इस बार सोमवार के दिन पड़ रही है। कहा जा रहा है कि इस वर्ष सोमवती अमावस्या सिर्फ एक ही बार यानी चैत्र महीने में पड़ रही है। सोमवती अमावस्या पर भोलेनाथ की आराधना की जाती है और दान-दक्षिणा दी जाती है।
अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो उसे सोमवती अमावस्या पर शिवजी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। कहा जाता है कि सोमवती अमावस्या पर शिवजी की पूजा करने से चंद्रमा ग्रह मजबूत होता है और दान-पुण्य जैसे कार्यों से घर में सुख-शांति बनी रहती है तथा समृद्धि में वृद्धि होती है।
यहां जानें, इस वर्ष सोमवती अमावस्या कब है और इसका महत्व क्या है?
सोमवती अमावस्या 2021 तिथि और मुहूर्त
- सोमवती अमावस्या तिथि- 12 अप्रैल 2021
- सोमवती अमावस्या प्रारंभ- 11 अप्रैल 2021 (सुबह 06:03)
- सोमवती अमावस्या समाप्त- 12 अप्रैल 2021 (सुबह 08:00)
सोमवती अमावस्या का महत्व क्या है?
अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करना लाभदायक माना जाता है। सोमवती अमावस्या पर सूर्य देव को अर्घ्य देना बेहद शुभ होता है। भगवान शिव के साथ इस दिन भक्त माता लक्ष्मी की भी पूजा-अर्चना करते हैं। माता लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक लाभ होता है।
सुहागिनों के लिए सोमवती अमावस्या बेहद अनुकूल होती है। सोमवती अमावस्या पर व्रत रखने से और पीपल के पेड़ की पूजा करने से पती की आयु लंबी होती है। पितरों के लिए तर्पण करने के लिए भी यह तिथि लाभदायक मानी जाती है।