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Chanakya Niti में ये हैं आने वाले आर्थ‍िक संकट के 5 संकेत, घर बचाने के ल‍िए तुरंत हो जाएं सावधान

Updated May 15, 2021 | 12:26 IST

Chanakya Niti in Hindi : आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में जीवन में आने वाली चुनौतियों के भी संकेत दिए है, ये जीवन में आने वाले आर्थिक संकट को दर्शाते हैं।

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चाणक्‍य नीत‍ि में आर्थ‍िक संकट के संकेत
मुख्य बातें
  • तुलसी के पौधे का सूखना आर्थिक संकट की ओर करता है इशारा।
  • बड़े बुजुर्गों का तिरस्कार घर की संपन्नता को करता है भंग।
  • पूजा पाठ ना होना घर में दरिद्रता को देता है दावत।

भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के जनक कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य का नीतिशास्त्र इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है। चाणक्य की नीतियों के बल पर कई राजा महाराजाओं ने अपना शासन चलाया, इन्हीं नीतियों के बल पर चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बना दिया। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में ना केवल जीवन को सफल और सुगम बनाने के तरीके बताए हैं बल्कि उन्होंने जीवन में आने वाली चुनौतियों का भी संकेत दिया है। 

इन संकेत के माध्यम से व्यक्ति को पता चल सकता है कि आने वाले समय में वह कंगाल होने वाला है। ये चीजें आर्थिक संकट को दावत देती हैं। ऐसे में यदि आपको भी घर में ऐसे संकेत मिलते हैं तो तुरंत सतर्क हो जाएं।

1. तुलसी के पौधे का सूखना

सनातन हिंदु धर्म में तुलसी के पौधे का सूखना अशुभ माना जाता है। आचार्य चाणक्य ने भी अपने नीतिशास्त्र में वर्णन किया है कि घर में तुलसी का पौधे का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तुलसी के पौधे का सूखना आर्थिक संकट को दर्शाता है। इसलिए ध्यान रहे घर में तुलसी का पौधा हमेशा हरा भरा रहना चाहिए।

2. 24 घंटे क्लेश होना

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस घर में क्लेश रहता है वहां सुख समृद्धि का वास नहीं होता। ऐसे घर में बनते काम बिगड़ जाते हैं, व्यक्ति को लगातार असफलताओं का सामना करना पड़ता है। परिवार के लोगों के बीच हमेशा मनमुटाव की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में घर में क्लेश ना होने दें अन्यथा आपको लगातार असफलता का सामना करना पड़ेगा।

3. शीशे का बार बार टूटना

आचार्य चाणक्य के अनुसार घर में बार बार कांच का टूटना आर्थिक संकट को दावत देता है। तथा धन हानि को दर्शाता है। इससे घर में दरिद्रता का वास होता है। साथ ही घर में टूटा हुआ कांच या शीशा नहीं रखना चाहिए अन्यथा आप निर्धनता का शिकार हो सकते हैं।

4. पूजा पाठ ना होना

जिस घर में पूजा पाठ नहीं होता वह घर सुख-समृद्धि से वंचित रहता है। वहां नकारात्मक शक्तियों का वास होता है और घर में दरिद्रता बनी रहती है। परिवार के लोगों के बीच प्यार कम हो जाता है और मनमुटाव बढ़ जाता है। ऐसे में घर का माहौल हमेशा भक्तिमय रखना चाहिए।

5. बड़े बुजुर्गों का तिरस्कार

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस घर में बड़े बुजुर्गों का आदर सत्कार नहीं होता, उन्हें अपमानित किया जाता है। ऐसे घरों में कभी भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो सकती। घर में बड़े बुजुर्गों का तिरस्कार आर्थिक संकट का संकेत देता है। इसलिए घर में हमेशा बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें, उनका आशीर्वाद आपके जीवन को सुख समृद्धि से भर सकता है।

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