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जानें देश में कहां-कहां हैं हनुमानजी के सबसे सिद्ध और चमत्कारिक 10 मंदिर, पूरी होती है हर मनोकामना

10 most perfect and amazing temples of Hanumanji, हनुमानजी के 10 सबसे  अद्भुत मंदिर
Updated Oct 13, 2020 | 18:04 IST

Bajrangi ka Bal, 10 most perfect and amazing temples of Hanuman: हनुमानजी के ऐसे 10 मंदिरों के बारे में आइए आपको आज बताएं, जो अपने चमत्कार और सिद्धी के लिए विशेष रूप देशभर में प्रसिद्ध हैं।

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10 most perfect and amazing temples of Hanumanji, हनुमानजी के 10 सबसे  अद्भुत मंदिर10 most perfect and amazing temples of Hanumanji, हनुमानजी के 10 सबसे  अद्भुत मंदिर
10 most perfect and amazing temples of Hanumanji, हनुमानजी के 10 सबसे अद्भुत मंदिर

संकट मोचन यानी बजरंगबली के मंदिर जहां भी होते हैं, वहां कुछ न कुछ चमत्कार जरूर होता है। देश में हनुमान जी के 10 ऐसे सिद्ध मंदिर हैं, जहां दर्शन करने मात्र से मनुष्य की सारी विपदाएं दूर हो जाती हैं। ये मंदिर हिंदू समाज की आस्था और विश्वास का वह केंद्र हैं, जहां से कहा जाता है कोई खाली हाथ नहीं लौटता। इन मंदिरों में दर्शन-पूजन के साथ कई समारोह भी आयोजित होते रहते हैं, क्योंकि यहां आना ही मनुष्य का बहुत भाग्य से होता है।

इन मंदिरों की ख्याति दूर-दूर तक केवल इसलिए ही है क्योंकि यहां आने से मनुष्य की केवल मनोकामनाएं ही पूरी नहीं होतीं, बल्कि मानसिक शांति की भी प्राप्ति होती हैं। मान्यता है कि इन मंदिरों के प्रांगण में बैठने से मन और कर्म सब शुद्ध हो जाता है। तो आइए आपको देश के इन 10 सिद्ध मंदिरों के बारे में बताएं।

ये हैं देश के सबसे सिद्ध हनुमान जी के 10 मंदिर

1. संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी : महादेव की नगरी में संकटमोचन हनुमान मंदिर सबसे सिद्ध और चमत्कारिक मंदिरों में गिना जाता है। अस्सी घाट पर ही तुलसीदास को भगवान ने दर्शन दिए थे और  जिस मुद्रा में तुलसीदास को प्रभु ने दर्शन दिए, उसी की प्रतिकृति यहां के मंदिर की प्रतिमा है। बता दें कि स्वयं तुलसीदासजी ने यह मूर्ति स्थापित करवाई थी। हनुमान जी की प्रतिमा के ठीक सामने राम-जानकी भी विराजमान हैं। साथ ही जिस गुफानुमा कोठरी में तुलसीदास साधनारत अपने जीवन का अंतिम समय गुजारे थे, वहां भी 'गुफा के हनुमान' के रूप में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है।

2. बेदी हनुमान जी, जगन्नाथपुरी : जगन्नाथपुरी में ही सागर तट पर बेदी हनुमानजी का प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी है और कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ ने हनुमान जी को यहां स्वर्ण बेड़ी से आबद्ध कर दिया था, क्योंकि प्रभु जगन्नाथ ने हनुमान जी को समुद्रतट पर समुद्र को नियंत्रित करने के लिए नियुक्त किया था, लेकिन जब हनुमान जी को जगन्नाथ-बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन नहीं हो पाते थे तो वह जगन्नाथपुरी के अंदर आते थे और समुद्र भी उनके पीछे नगर में प्रवेश कर जाता था। इस आदत से परेशान हो जगन्नाथ महाप्रभु ने हनुमान को यहां स्वर्ण बेड़ी से आबद्ध कर दिया था।

3.श्रीपंचमुख आंजनेय स्वामीजी, तमिलनाडु : तमिलनाडु के कुंभकोणम में श्रीपंचमुखी आंजनेयर स्वामीजी का मंदिर है और ये मंदिर हनुमानजी का ही स्वरूप है। यहां हनुमानजी का पंचमुखी रूप में स्थापित हैं। जब अहिरावण तथा उसके भाई महिरावण ने श्रीरामजी को लक्ष्मण सहित अगवा कर लिया था, तब प्रभु श्रीराम को मुक्त के लिए हनुमानजी ने पंचमुखी रूप धारण कर इनका वध किया था।

4. हनुमानगढ़ी, अयोध्या: अयोध्या में हनुमान जी का सबसे प्राचीन मंदिर हनुमानगढ़ी में हैं। यह मंदिर अयोध्या में सरयू नदी के दाहिने तट पर एक ऊंचे टीले पर बना है। यहां तक पहुंचने के लिए साधकों को 76 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। यहां पर स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा केवल 6इंच लंबी है।

5.बालाजी हनुमान मंदिर, सालासर (राजस्थान) : राजस्थान के चुरु जिले के गांव सालासर में हनुमानजी का यह मंदिर स्थित है। खास बात ये है कि यहां हनुमानजी की प्रतिमा दाढ़ी व मूंछ में स्थापित है। इस मंदिर के संस्थापक श्री मोहनदासजी को हनुमानजी की यह प्रतिमा एक किसान को जमीन जोतते समय मिली थी, जिसे सालासर में सोने के सिंहासन पर स्थापित किया गया है।

6. बालाजी हनुमान मंदिर मेहंदीपुर (राजस्थान) : राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ घाटा मेहंदीपुर के चट्टान में हनुमानजी की आकृति स्वत: ही उभर आई थी और इन्हें श्रीबालाजी महाराज के नाम से पुकारा जाने लगा। इसे हनुमानजी का बाल रूप माना जाता है। इनके चरणों में छोटी-स कुंड भी है और मान्यता है कि यहां स्थित जल कभी खत्म नहीं होता। यहां हनुमानजी के साथ ही शिवजी और भैरवजी की भी पूजा की जाती है।

7. अलीगंज का हनुमान मंदिर, लखनऊ : लखनऊ का अलीगंज हनुमान मंदिर को अंग्रेज काल में लखनऊ के नवाब मुहम्मद अली शाह की बेगम ने बनवाया था। नवाब की बेगम राबिया को कोई औलाद नहीं हो रही थी। तब एक हिन्दू संत ने इस्लामबाड़ी के टीले के नीचे हनुमान जी की मूर्ति दबी होने और उस प्रतिमा को निकाल कर मंदिर बनाने को कहा था। बेगम ने मंदिर निर्माण कर प्रतिमा स्थापित की और उसके बाद उन्हें संतान सुख भी प्राप्त हुआ था।

8. यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर, हंपी (कर्नाटक) : बेल्लारी जिले के हंपी में एक हनुमान मंदिर स्थापित है और यहां वे यंत्रोद्धारक हनुमान के रूप में पूजे जाते हैं। वाल्मीकि रामायण व रामचरित मानस में इस स्थान का वर्णन मिलता है। संभवतया इसी स्थान पर किसी समय वानरों का विशाल साम्राज्य स्थापित था। आज भी यहां अनेक गुफाएं हैं।

9.कष्टभंजन हनुमान दादा महाराज मंदिर, सारंगपुर ‍(गुजरात) : गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में कष्‍टभंजन महाराजाधिराज हनुमान का मंदिर है और यहां उन्हें हनुमान दादा के नाम से जाना जाता है। शनिदेव के आतंक से तंग होकर भक्तों ने बजरंगबली से बचाव की प्रार्थना की। तब हनुमानजी, शनिदेव को मारने के लिए उनके दौड़े तो शनिदेव ने स्त्री रूप धारण कर लिया, क्योंकि उन्हें पता था कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे किसी स्त्री पर हाथ नहीं उठाएंगे। लेकिन भगवान राम के आदेश से उन्होंने स्त्री-स्वरूप शनिदेव को अपने पैरों तले दबा दिया और इसी रूप में शनिदेव और हनुमान जी की प्रतिमा यहां मौजूद है।

10.हनुमान धारा, चित्रकूट, उत्तरप्रदेश : उत्तरप्रदेश के सीतापुर के पर्वतमाला में यह हनुमान मंदिर है। पहाड़ के सहारे हनुमानजी की एक विशाल प्रतिमा है, जहां उनके सिर पर जल के दो कुंड हैं। इस कुंड की धारा हनुमानजी को स्पर्श करता हुआ बहता है इसीलिए इसे हनुमान धारा कहते हैं।  भगवान श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक होने के बाद लंका दहन से उत्पन्न शरीर का ताप मिटाने के लिए इस धारा के नीचे आकर खड़ हो गए थे।

तो ये हैं हनुमान जी के प्रसिद्ध और सिद्ध मंदिर, जो पौराणिक मान्यताओं और कथाओं में भी उपलब्ध हैं।

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