- विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं
- प्रथम पूजा पीएम मोदी की ओर से संपन्न की गई
- मंदिर को करीब 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया
देहरादून : देश में कोरोना संकट के बीच उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। मंदिर के कपाट छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद खोले गए हैं। शुक्रवार तड़के 4:30 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। इस मौके पर मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित 28 लोग मौजूद थे। मंदिर के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में धनिष्ठा नक्षत्र में खोले गए।
सोश्ल डिस्टेंसिंग का पालन
कोरोना वायरस संकट के कारण इस बार मंदिर परिसर में कम ही लोग इस मौके पर मौजूद रहे, जबकि पहले के वर्षों में कपाट खुलने के दौरान मंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं से भरा रहता था। कोरोना संकट को देखते हुए कपाट खोले जाने के दौरान सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाए गए और सोश्ल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा गया। इस दौरान मौजूद लोगों ने मास्क भी पहने।
पीएम मोदी की ओर से प्रथम पूजा
भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम के खुलने के बाद मानवमात्र के रोग-शोक की निवृत्ति, आरोग्यता एवं विश्व कल्याण की कामना की गई। इसके बाद भगवान बद्रविशाल की प्रथम पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मानवता के कल्याण के लिए संपन्न की गई। इस मौके पर मंदिर को करीब 10 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया, जो बिजली की रोशनी से जगमग होकर मंदिर परिसर में अनूठी आभा बिखेर रहा था।
सभी चार धाम खुले
यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी का असर इस बार उत्तराखंड के चार धामों पर भी पड़ा है। बद्रीनाथ के कपाट खोल दिए गए हैं, लेकिन आश्रम, दुकानें, छोटे-बड़े होटल, रेस्तरां और ढाबे सब बंद हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट पहले 30 अप्रैल को ही खोले जाने थे, लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इसे 15 दिन आगे खिसका दिया गया। उत्तराखंड में मौजूद तीन अन्य धाम- गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ के कपाट पहले ही खुल चुके हैं।
उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खोले गए थे, जबकि रूद्रप्रयाग जिले में भवगान शिव को समर्पित केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोले गए थे। हालांकि विभिन्न धामों के कपाट खोल दिए गए हैं, पर कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं को अभी चार धाम यात्रा से दूर रखा गया है।